पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 6.pdf/१९२

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१६०. पत्र: हैरॉल्ड कॉक्सको[१]

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर १२, १९०६

प्रिय श्री कॉक्स,

मैं इस पत्र के साथ ब्रिटिश भारतीयोंके विषयमें 'टाइम्स' का अग्रलेख संलग्न कर रहा हूँ। क्या मैं आपसे अनुरोध करूँ कि आप अपनी जोरदार कलम उठायें। श्री अली और मैंने 'टाइम्स' को जो पत्र[२]भेजा है उसकी एक प्रति भी मैं संलग्न कर रहा हूँ। यदि 'टाइम्स' के स्तम्भों में शिष्टमण्डलके विभिन्न सदस्योंने इस मामलेपर अपने विचार प्रकट किये तो, मेरा खयाल है, इससे यह प्रश्न जनताके सामने प्रमुख रूपसे बना रहेगा और सम्भवतः इससे लॉर्ड एलगिन भी प्रभावित होंगे।

आपका सच्चा,

[ संलग्न २]
श्री हैरॉल्ड कॉक्स, संसद सदस्य
६, रेमंड्स बिल्डिग्ज़

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस० एन० ४५४८) से।

१६१. पत्र: सर मंचरजी मे० भावनगरीको

होटल सेसिल
लन्दन
नवम्बर १२, १९०६

प्रिय सर मंचरजी,

आज मुझे एक तार मिला है, जिसमें समितिके निर्माणका अधिकार दिया गया है। यदि आपसे प्रतिकूल उत्तर न मिला तो मैं बुधवार को ११-३० बजे सवेरे इस बातपर परामर्श करनेके लिए आपकी सेवामें उपस्थित होऊँगा कि क्या किया जाना चाहिए। सर लेपेलको सहयोग के लिए मैं पहले ही आमन्त्रित कर चुका हूँ। क्या आप कृपापूर्वक मुझे लिखेंगे?

मैंने शिष्टमण्डलके कुछ सदस्योंसे लिखित आग्रह किया है कि वे 'टाइम्स' को लिखें।[३] आपकी स्वीकृति के लिए मैं मसविदा[४] भेज रहा हूँ। मैं समझता हूँ कि यदि आप इस मसविदेके

  1. इसकी प्रतियाँ सर जॉर्ज बर्डवुड, अमीर अली और जे० डी० रीजको भेजी गई थीं।
  2. देखिए पृष्ठ १५७-५९।
  3. ये उपलब्ध नहीं हैं। इंग्लिशमैन, कलकत्ताके सम्पादक सर रोपर लेथब्रिजका, जो शिष्टमण्डलके सदस्य नहीं थे, एक पत्र १२ नवम्बर १९०६ के टाइम्समें प्रकाशित हुआ था। उनका कहना था कि लॉर्ड एलगिन समक्ष प्रस्तुत ट्रान्सवालके भारतीयों के आवेदनपत्रके प्रति भारतस्थित समस्त अंग्रेज-समाजकी पूर्ण सहानुभूति है।
  4. देखिए" टाइम्सको लिखे पत्रका मसविदा, पृष्ठ १६९। इसपर १३ नवम्बर की तारीख है और गांधीजीके स्वाक्षरोंसे सुधार किये हुए हैं। हो सकता है, यह पत्र १३ नवम्बरको भेजा गया हो अथवा सर मंचरजीकी सुविधाके खयाल से इसपर १३ नवम्बरकी तारीख डाल दी गई हो क्योंकि उन्हींके हस्ताक्षरोंसे यह टाइम्सको भेजा जानेको था।