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१७०. पत्र: सर जॉर्ज बर्डवुडको

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर १३, १९०६

प्रिय सर जॉर्ज,

आपके आजके पत्रके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। इस पत्रमें आपने अपने पहले जिस पत्रका उल्लेख किया है, उसे इसके साथ वापस कर रहा हूँ। अपने प्रस्तावके अनुसार आप एक संशोधित पत्र भेज दें तो मैं आपका कृतज्ञ होऊँगा। मैं इस बातसे पूर्णतया सहमत हूँ कि सर मंचरजीने इस प्रश्नको अपना ही बना लिया है।

आपका सच्चा,

संलग्न

सर जॉर्ज बर्डवुड
११९, द ऐवेन्यू
वेस्ट ईलिंग

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ४५६१) से।

१७१. पत्र: चार्ल्स एफ० कूपरको

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर १३, १९०६

प्रिय श्री कूपर,

ट्रान्सवालमें ब्रिटिश भारतीयोंकी स्थितिके बारेमें लॉर्ड एलगिनको सबसे हाल में जो आवेदनपत्र दिये गये हैं, उनकी प्रतियाँ इसके साथ भेज रहा हूँ। दक्षिण आफ्रिका लौटनेके बाद मैं इस विषयपर आपको और साहित्य भेजूँगा।

एक स्थायी [समिति] का निर्माण हो रहा है। मैंने श्री रिचको, जो मंत्रीके रूप में काम करेंगे, आपका नाम दे दिया है। वे इस विषयमें आपसे पत्र-व्यवहार करेंगे और आपसे मिलेंगे तथा आपका सहयोग चाहेंगे, जो आपने कृपापूर्वक देनेका वादा किया है। अवसर आनेपर वे भी संघ[१] अथवा किसी नैतिक-समाज द्वारा आयोजित सभाओं में भाषण दे सकते हैं।

आपका विश्वस्त,

[संलग्न]

श्री चार्ल्स एफ० कूपर ३६, ओक्ले स्क्वेयर
लन्दन, एन० डब्ल्यू०

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ४५६२) से।

  1. नैतिकतावादी समिति संघ।