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पत्र : टी० जे० बेनेटको


पूर्व भारत संघ में श्री रिचका भाषण[१] २६ तारीखको होगा।

नैतिक समिति संघकी कुमारी विटरबॉटमसे मैं मिल चुका हूँ। उन्हें बहुत दिलचस्पीका अनुभव हुआ है।

अखिल इस्लाम संघने लॉर्ड एलगिनको एक निवेदनपत्र भेजा है। उसकी प्रति भी मैं भेज रहा हूँ।

मैं लन्दन भारतीय समितिकी[२] बैठकका एक विवरण तैयार करना चाहता हूँ, किन्तु अभीतक वह तैयार नहीं हुआ है। और वैसे ही अखिल इस्लाम संघका विवरण[३] भी, जिसे शायद इसके साथ भेज सकूँ। अखिल इस्लाम संघका निवेदनपत्र आपको छाप देना चाहिए। मैं डॉ० ओल्डफील्डका एक बहुत शानदार लेख भी भेज रहा हूँ। शायद वे हमें एक लेखमाला ही देंगे। आप इसपर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिख सकते हैं और भारतीय संघकी बैठकपर भी।

आपका हृदयसे,

[संलग्न]

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस० एन० ४५८१) से।

१९२. पत्र: टी० जे० बेनेटको

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर १६, १९०६

प्रिय महोदय,

मैं जानता हूँ कि आपने दक्षिण आफ्रिकाके ब्रिटिश भारतीयोंकी तमाम मुसीबतोंमें समभावसे और निरन्तर उनके पक्षकी पैरोकारी की है। श्री अली और मैं ट्रान्सवालके ब्रिटिश भारतीयोंकी ओरसे एक शिष्टमण्डलके रूपमें लॉर्ड एलगिन और श्री मॉर्लेसे भेंट करने के लिए आये हैं। जैसा कि आप जानते हैं, शिष्टमण्डल लॉर्ड एलगिनसे मिल भी चुका है। श्री मॉर्ले भारत कार्यालय में अगले गुरुवार २२ तारीखको १२-२० बजे शिष्टमण्डलसे भेंट करेंगे। यदि आप शिष्टमण्डल में सम्मिलित होकर अपने प्रभावका लाभ उसे देनेकी कृपा करेंगे तो हम बहुत आभारी होंगे। सर लेपेल ग्रिफिन उसका नेतृत्व करेंगे।

यदि आप श्री अलीको और मुझे मिलने तथा परिस्थिति सामने रखनेके लिए कोई समय दें, तो हम उसे भी आपकी बड़ी कृपा मानेंगे।

आपका विश्वस्त,

श्री टी० जे० बेनेट
१२१, फ्लीट स्ट्रीट, ई० सी०

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस० एन० ४५८२) से।

  1. देखिए "पूर्व भारत संघमें श्री रिचका भाषण", पृष्ठ २७२-७३।
  2. देखिए "लन्दन भारतीय संघकी सभा", पृष्ठ १८३-८६।
  3. देखिए "अखिल इस्लाम संघ", पृष्ठ १८६-८७।