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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

रहा है कि मैं पैलेस चेम्बर्समें जितना आना-जाना चाहता था उतना आ-जा नहीं सका। पिछले मंगलवारको हम मिले तो, लेकिन मैं वह बात बिलकुल ही भूल गया।

आपका सच्चा,

श्री मन्त्री
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसकी ब्रिटिश समिति,
८४ व ८५, पैलेस चेम्बर्स
वेस्टमिन्स्टर

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस० एन० ४५८७) से।

२००. पत्र: दादाभाई नौरोजीको

होटल सेसिल
लन्दन, डब्ल्यू० सी०
नवम्बर १७, १९०६

प्रिय श्री नौरोजी,

आपके परचे मिले। मुझे आशा थी कि मैं खुद आपके पास आकर श्री पोलकके पत्रोंके बारेमें समझाकर बता सकूँगा। किन्तु एशियाई कानून संशोधन अध्यादेशके सम्बन्धमें इतना अधिक व्यस्त रहा कि वैसा नहीं कर पाया।

चूँकि अब नेटाल विधान सभाने फिलहाल कुछ करनेके लिए नहीं बचा। थमके विधेयकको अस्वीकृत कर दिया है, इसलिए फिलहाल कुछ करनेके लिए नहीं बचा।

श्री अब्दुल गनी के प्रार्थनापत्रको[१] आप निपटा ही चुके हैं।

श्री पोलक द्वारा आपको लिखे हुए पत्र मैं आपकी फाइलके लिए वापस कर रहा हूँ।

आपका सच्चा,
मो० क० गांधी

श्री दादाभाई नौरोजी
२२, कैनिंगटन रोड
लैम्बेथ

टाइप किये हुए मूल अंग्रेजी पत्रकी फोटो-नकल (जी० एन० २२७८) से।

  1. देखिए खण्ड ५, पृष्ठ ४७६-७८।