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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


श्री मॉल्टेनो द्वारा भेजे गये लेखके विषयमें मैंने आपकी विज्ञप्ति देख ली है। मैं आपसे ज्यादा सम्पर्क नहीं बनाये रख सका हूँ, क्योंकि मैं बहुत ज्यादा व्यस्त रहा हूँ। मैं अपने मुकामको अवधिमें एक बजे रातसे पहले कभी विस्तरपर नहीं जा पाया हूँ।

आपका सच्चा,

श्री एच० ई० ए० कॉटन
१८६, ऐडलेड रोड
साउथ हैम्पस्टेड, एन० डब्ल्यू०

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस० एन० ४५९०) से।

२०३ पत्र: काउंटी स्कूल के मन्त्रीको

होटल सेसिल
[लन्दन]
नवम्बर १७, १९०६

सेवामें
मन्त्री
काउंटी स्कूल बेडफोर्ड
प्रिय महोदय,

संलग्न कागजात के साथ आपके इसी १४ तारीखके पत्रके लिए धन्यवाद। मैंने जिस तरुणके[१] विषयमें आपको लिखा[२] है वह मैट्रिक्युलेशनकी परीक्षाकी तैयारी करेगा और साथ ही उसकी वकालतकी पढ़ाई भी चलती रहेगी, जो वह कुछ समय तक कर भी चुका है। उसका अबतक का शिक्षण बहुत ही कम है और यदि उसे भविष्य में सफलता प्राप्त करनी है तो लन्दन विश्वविद्यालयकी मैट्रिक्युलेशन उत्तीर्ण करना उसके लिए आवश्यक है। उसे वहाँ या जहाँ रख दिया जायेगा वह पूरी अवधि तक वहीं रहेगा। डर्बनके उच्चतर श्रेणी भारतीय विद्यालयके प्रधान अध्यापक द्वारा दिया गया उसका पहलेका प्रमाणपत्र लिंकन्स इनके व्यवस्थापकके पास है। क्या आप वही प्रमाणपत्र पेश करना जरूरी मानते हैं या मेरे प्रमाणपत्रसे काम चल जायेगा? मैं यह भी कह दूँ कि वह ईसाई नहीं है, हिन्दू है।

देखता हूँ कि चालू सत्र आधा बीत चुका है, क्या इसलिए शुल्क में कोई कमी होगी?

आपका विश्वस्त,

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ४५९१) से।

  1. रत्नम् पत्तर ।
  2. यह उपलब्ध नहीं है।