पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 6.pdf/२२५

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२०४. पत्र: जे० डी० रीज़को

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर १७, १९०६

प्रिय महोदय,

क्या आप संलग्न प्रश्न[१] पेश करने की कृपा करेंगे? आपने कदाचित् ट्रान्सवालके सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस मामलेमें दिये गये फैसलेका विवरण देखा होगा। मैं कह नहीं सकता कि इस प्रश्नकी रचना ठीक है या नहीं, किन्तु इसमें जो तथ्य हैं, वे ठीक-ठीक दिये गये हैं।

आपका विश्वस्त,

संलग्न

श्री जे ० डी० रीज़, संसद-सदस्य
लोकसभा
वेस्टमिन्स्टर

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस० एन० ४५९२) से।

२०५. पत्र: सर हेनरी कॉटनको

[होटल सेसिल <nr> लन्दन]
नवम्बर १७, १९०६

प्रिय सर हेनरी,

आपने श्री चचिलसे जो प्रश्न पूछा था उससे सम्बन्धित 'साउथ आफ्रिका' की एक कतरन पत्रके साथ भेज रहा हूँ। मैंने 'टाइम्स' को[२] भी लिखा है और डॉ० गॉडफेके जो दो भाई यहाँ वकालत पढ़ रहे हैं, उन्होंने भी लिखा है।[३]

संलग्न:

सर हेनरी कॉटन, संसद सदस्य
४५, सेंट जॉन्स वुड पार्क, एन० डब्ल्यू०

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस० एन० ४५९३) से।

  1. देखिए "संसद सदस्योंके लिए प्रश्नोंका मसविदा", चौथा प्रश्न, पृष्ठ १८७।
  2. देखिए "पत्र: 'टाइम्स' को", पृष्ठ १७६।
  3. देखिए पाद टिप्पणी ४, पृष्ठ १८०।