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पत्र : कुमारी ए॰ एच॰ स्मिथको

अब इस अध्यादेशपर, जो वतनी भूस्वामित्व अध्यादेशकी अपेक्षा कई गुना खराब है, उसका उपयोग करने में कोई हिचकिचाहट क्यों होनी चाहिए।

आपका सच्चा,

संलग्न : [२]

श्री थियोडोर मॉरिसन
मारफत पूर्व भारत संघ
३, विक्टोरिया स्ट्रीट

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस॰ एन॰ ४६२८) से।
 

२४२. पत्र : कुमारी ए॰ एच॰ स्मिथको

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर २२, १९०६

प्रिय कुमारी स्मिथ,

मुझे आपका टेलीफोनपर दिया गया सन्देशा तो मिल गया था; किन्तु मैं रातको ९-१५ बजेके बाद ही उस सम्बन्धमें कुछ नहीं [उन्हीके शब्दोंमें] कर पाया। उस समय आपको टेलीफोन करना निरर्थक लगा इसलिए मैं अब आपको पत्र लिख रहा हूँ।

शिष्टमण्डलमें जो लोग उपस्थित उनकी एक सूची साथ भेज रहा हूँ। श्री मॉर्लेने शिष्टमण्डलसे बातचीत गुप्त रखने का वचन लिया है, इसलिए मैं आपको प्रकाशनके लिए कुछ नहीं दे सकता। वे हम लोगोंसे बहुत अच्छी तरहसे मिले। श्री मॉर्लेका भाषण कहीं-कहीं बड़ा जोरदार था। लेकिन कुल मिलाकर उसका प्रभाव उत्साहवर्धक था, ऐसा मैं नहीं कह सकता। फिर भी हमें प्रतीक्षा करनी है।

श्री अली और मैं निश्चित रूपसे अगले महीने की पहली तारीखको रवाना हो जायेंगे।

आपका सच्चा,

कुमारी ए॰ एच॰ स्मिथ
५, विंचेस्टर रोड
हैम्पस्टेड

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस॰ एन॰ ४६२९) से।