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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

अन्य ब्रिटिश प्रजाजनोंके मुकाबले उनके साथ भिन्न व्यवहार किया जाता है। क्या ब्रिटिश राष्ट्र के नामपर इस प्रकारका विधान स्वीकृत कर दिया जायेगा? (हर्षध्वनि). . . .।

[अंग्रेजीसे]
जर्नल ऑफ द ईस्ट इंडिया असोसिएशन, जनवरी १९०७
 

२५९. पत्र : कुमारी ई॰ जे॰ ब्रेकको

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर २७, १९०६

प्रिय महोदया,

यदि आपको एक १८ वर्षीय भारतीय नवयुवकके योग्य, जिसे कॉलेजकी शिक्षा और माता-पितावत् देखरेखसे भिन्न स्कूली शिक्षाकी जरूरत है, किसी व्यवस्थाकी जानकारी हो तो कृपा कर मुझे सूचित करें। मैं आभारी हूँगा। मेरी रायमें उसका विकास एक अत्यन्त भले, तेजस्वी और स्नेही व्यक्तिके रूपमें हो सकता है। मैं चाहता यह हूँ कि उसे कोई ऐसा स्थान मिल जाये जहाँ वह लन्दन विश्वविद्यालयकी मैट्रिकुलेशन परीक्षा उत्तीर्ण करने योग्य शिक्षा प्राप्त कर सके। उसके साधन सीमित हैं। वह कुल मिलाकर प्रतिमास ८ पौंडसे अधिक खर्च करनेकी स्थितिमें नहीं है।

आपका सच्चा,

कुमारी ई॰ जे॰ बेक
२३३, ऐल्बियन रोड
स्टोक न्यूइंगटन, एन०

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ४६४५) से।