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२६०. पत्र : सर जॉर्ज बर्डवुडको

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर २७, १९०६

प्रिय सर जॉर्ज,

आपके लम्बे पत्रके लिए धन्यवाद। मैं उसकी एक प्रति इस पत्रके साथ भेज रहा हूँ। निमन्त्रण स्वीकार करनेके लिए भी मैं आपका धन्यवाद करता हूँ। मैं जानता हूँ कि जलपान के लिए जो समय चुना है वह बहुत बुरा है। दुर्भाग्यसे जब निमन्त्रणपत्र भेजे गये तब मुझे दादाभाईकी रवानगी[१] [का] समय नहीं मालूम था। यह मेरा दुर्भाग्य है कि स्टेशनपर जाकर मैं उनके प्रति अपना आदर व्यक्त नहीं कर सकूँगा।

आपका सच्चा,

संलग्न
सर जॉर्ज बर्डवुड
११९, द ऐवेन्यू
वेस्ट ईलिंग

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिको फोटो नकल (एस॰ एन॰ ४६४६) से।
 

२६१. पत्र : लॉर्ड हैरिसको[२]

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर २७, १९०६

महानुभाव,

कदाचित् आप जानते होंगे कि श्री अली और मैं ट्रान्सवालके ब्रिटिश भारतीय समाजकी ओरसे शिष्टमण्डलके रूपमें यहाँ आये हुए हैं।

हम लोग लॉर्ड एलगिन और श्री मॉर्लेसे मिल चुके हैं। उन्होंने हमारे उद्देश्यके सम्बन्धमें बहुत सहानुभूतिपूर्ण उत्तर दिया है। किन्तु फिर भी हम अनुभव करते हैं कि वे हमारी ओरसे जो भी आवेदन करेंगे उसे अभी भी बहुत मजबूत होना चाहिए। इसके सिवा हमें सभी दलोंकी ओरसे असाधारण रूपसे हार्दिक सहयोग मिला है। हम इसका अपने आगे के संघर्ष में

  1. दादाभाई नौरोजी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसके कलकत्ता अधिवेशनका सभापतित्व करनेके लिए गुरुवार, २९ नवम्बर को सवेरे ही भारतके लिए प्रस्थान करनेवाले थे।
  2. पत्रमें कोई पता नहीं दिया गया है, लेकिन अगले शीर्षकमें इस पत्रके उल्लेखसे स्पष्ट हो जाता है कि यह लॉर्ड हैरिसको लिखा गया था। दफतरी प्रतिपर अंकित टिप्पणियोंसे ज्ञात होता है कि यह लॉर्ड सैंडहर्स्ट, सर जेम्स फर्ग्युसन और लॉर्ड वॅनलॉकफो भी भेजा गया था।