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सम्पूर्ण गांधी वाङमय

यथासम्भव अधिकतम उपयोग करना चाहते हैं। दक्षिण आफ्रिकाके ब्रिटिश भारतीयोंसे हमें फिर हिदायत मिली है कि हम एक समिति बनायें, ताकि जो काम अभी किया जा रहा है वह जारी रखा जा सके।

हम संविधानकी एक प्रति संलग्न कर रहे हैं।

परममाननीय लॉर्ड रेसे हमने समितिकी अध्यक्षता स्वीकार करनेकी प्रार्थना की है और हमें आशा है कि यदि आप समितिकी उपाध्यक्षता स्वीकार करके उसे अपने प्रभावका लाभ दें, तो वे इसकी अध्यक्षता स्वीकार कर लेंगे। इसके लिए दक्षिण आफ्रिकाका भारतीय समाज आपका बड़ा आभारी होगा।

अगले गुरुवारको सवेरे १०–३० पर हमने एक प्रीति-जलपानका आयोजन किया है। उसका निमन्त्रणपत्र हम आपकी सेवामें भेज रहे हैं। यदि आप जलपानमें उपस्थित होकर उसका महत्त्व बढ़ानेकी कृपा कर सकें तो हम बहुत कृतज्ञ होंगे। लॉर्ड रेने जलपानके कुछ बाद आनेका वचन दिया है। वे उसके पश्चात् होनेवाली एक छोटी-सी बैठकमें, जो समितिके विधानकी चर्चा करने के लिए की जायेगी, सम्मिलित होंगे।

आपके विनम्र और आज्ञाकारी सेवक,

[संलग्न]

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिको फोटो नकल (एस॰ एन॰ ४६४७) से।
 

२६२. पत्र : सर मंचरजी मे॰ भावनगरीको

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर २७, १९०६

प्रिय सर मंचरजी,

आपके आजके पत्रके लिए आभारी हूँ। मैंने लॉर्ड हैरिस और अन्य तीन सज्जनोंको संलग्न प्रतिके अनुसार पत्र भेजा है।[१] जिस परिपत्रकी[२] प्रति मैंने आपको भेजी थी, वह आपका पत्र आने तक भेजा जा चुका था।

उसके बाद श्री ब्राउनका पत्र आया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि शायद 'टाइम्स' या अन्य पत्रोंको निमन्त्रण न भेजना ठीक होगा।

यदि आप गुरुवारको १०-३० पर आ सकें, तो मैं बहुत कृतज्ञ होऊँगा। आपको कल तकलीफ देनेकी जरूरत मुझे नहीं मालूम होती। श्री विन्स्टन चर्चिलने हमें कल मिलनेका समय दिया है।

आप शायद कल उपसमिति के अध्यक्ष और चेकोंपर हस्ताक्षर करनेवाले एक सज्जनकी हैसियतसे अपना हस्ताक्षर देने बैंक जायेंगे। यदि उस समय बहुत कष्ट न हो, तो होटल पधारनेकी कृपा कीजिए।

  1. पिछला शीर्षक देखिए।
  2. देखिए पृष्ठ २४८-४९।