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३७२. पत्र : एशियाई पंजीयकको[१]

[जोहानिसबर्ग
मार्च ४, १९०७ के पूर्व]

[सेवामें]
एशियाई पंजीयक
प्रिटोरिया

महोदय,

इसी तारीख २ शनिवारको आपकी सेवामें निम्नलिखित तार भेजा था : ::रस्टनबर्ग भारतीयों द्वारा संघको प्राप्त सूचनानुसार पुलिस उनकी अँगुलियों के निशान ले रही है और अनुमतिपत्र जाँच रही है। संघको अनुमतिपत्रोंकी जाँचपर आपत्ति नहीं तथापि वह नम्रतापूर्वक अँगुलियोंकी छाप लेनेका विरोध करता है। रस्टनबर्गकी सूचना ठीक हो तो संघ छाप लेनेके कारण बताने और यह प्रथा बन्द करनेके आश्वासनकी प्रार्थना करता है।

इसके बाद मेरे संघको विदित हुआ है कि ट्रान्सवालमें दूसरे स्थानोंपर भी अँगुलियोंके निशान लिए गये हैं। अतः मैं शीघ्र ही उक्त तारका उत्तर देनेकी प्रार्थना करता हूँ।

आपका आज्ञाकारी सेवक,
अब्दुल गनी
अध्यक्ष
ब्रिटिश भारतीय संघ

[अंग्रेजीसे]
इंडियन ओपिनियन, ९-३-१९०७

 

३७३. तार : एशियाई पंजीयकको

[जोहानिसबर्ग
मार्च ५, १९०७]

सेवामें
एशियाई पंजीयक
उपनिवेश-कार्यालय
प्रिटोरिया

आपका तार ६७[२] आज मिला। संघ लॉर्ड मिलनरके साथ हुए समझौते के मुताबिक चलनेको उत्सुक और अधिकारियोंको हर तरह मदद देनेको इच्छुक।

  1. यह पत्र 'हमारे जोहानिसबर्ग संवाददाता द्वारा'—के हवालेसे प्रकाशित हुआ था।
  2. एशियाई पंजीयकने ४ मार्चके पत्रकी पहुँच देते हुए पूछा था, "आपकी आपत्ति (देखिए पिछला शीर्षक), अँगूठे या किसी भी अँगुलीकी छाप लेनेपर है अथवा केवल दसों अँगुलियोंकी छाप लेनेपर।"