पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 6.pdf/४२०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

 

३८९. पत्र : छगनलाल गांधीको

[जोहानिसबर्ग<
मार्च १८, १९०७ के पूर्व][१]

चि॰ छगनलाल,

आज तुम्हें रामायणके पन्ने भेज रहा हूँ। इनमें बायीं तरफ जो आँकड़े दिये गये हैं, वे पृष्ठ संख्या सूचित करते हैं। तुम्हें अवकाश मिले तो पढ़ जाना। मैं कल रातको पढ़ गया हूँ। जो चुनाव किया है वह ठीक जान पड़ता है। फिर भी कुछ कहने योग्य हो तो सूचित करना।

इसके प्रूफ मूलसे मिलाना। हिज्जे आदिके लिए मेरे द्वारा भेजी हुई प्रतिपर निर्भर मत रहना। जो छापो, उसका प्रूफ भेजना। पुस्तकका आकार इत्यादि निश्चित करके छापना। और बहुत-कुछ टाइप काममें आ जाये, इतना कम्पोज होनेके बाद ही छापना ठीक जान पड़ता है। फुटकर काम आदिके लिए आवश्यक टाइप बचा रखना। और सामग्री थोड़ी-थोड़ी भेजता जाऊँगा।

एक हजार प्रति छापना ठीक मानता हूँ।

मोहनदासके आशीर्वाद

[संलग्न]

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल गुजराती प्रतिकी फोटो-नकल (एस॰ एन॰ ४७२०) से।
 

३९०. तार : 'इंडियन ओपिनियन' को[२]

[१८ और २५, मार्च
१९०७ के बीच]

सेवामें
'ओपिनियन'
फीनिक्स

इस बार हमीदियाकी साप्ताहिक रिपोर्ट मत छापो। कल महत्त्वपूर्ण अंग्रेजी, गुजराती टिप्पणियाँ भेजी हैं।

गांधी

हस्तलिखित अंग्रेजी दफ्तरी प्रति (एस॰ एन॰ ४७२१) से।

  1. पत्रपर दी गई टीपसे ज्ञात होता है कि यह १८ तारीखको प्राप्त हुआ था।
  2. इस तारपर तिथि नहीं है। यहाँ उसे जिस तिथिक्रममें रखा गया है उसका आधार मात्र साबरमती संग्रहालयके कागजातकी क्रम संख्या है। इन कागजातकी क्रम संख्याएँ गांधीजीकी फाइलके कागज-पत्रोंके मूल क्रमके अनुसार निर्धारित की गई थीं।