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१०. पत्र: जे० एच० पोलकको

[होटल सेसिल
लन्दन]
अक्तूबर २५, १९०६

प्रिय श्री पोलक,

आपको शायद अजीब लगेगा कि मैं अभीतक आपसे नहीं मिला हूँ।

टाइपिस्ट भेजनेके लिए अनेक धन्यवाद। उसका नाम कुमारी लॉसन[१] है। हम लोगोंकी आपसमें जान-पहचान शुरू हो गई है, और बहुत ठीक पट रही है। दुर्भाग्यसे मैंने दक्षिण आफ्रिकाके श्री सीमंड्सको, जो सर जॉर्ज फेरारके[२] निजी सचिव थे और जिन्हें मैं बहुत अच्छी तरह जानता हूँ, रखना तय कर लिया था। इसलिए अगले शनिवारको मुझे अनिच्छापूर्वक कुमारी लॉसनको विदा कर देना पड़ेगा।

जब हम पैदल आपके सत्कारशील घर जा रहे थे, आपने प्रसंगवशात् एक प्रश्न छेड़ा था। मैं उसपर आपके साथ चर्चा करना चाहता हूँ। इसलिए, यदि अन्यथा व्यस्त न हों तो, क्या आप कल दोपहरको मेरे साथ भोजन कर सकेंगे और यहाँ एक और दोके बीच किसी समय आ सकेंगे ? यदि मैं तबतक लोगोंसे मिलकर लौट न आया होऊँ तो, मेरी विनय है, आप मेरे लौटने तक बड़े कमरेमें या मेरे कमरेमें ठहरें।

आपका सच्चा,

श्री जे० एच० पोलक
[३]

२८, ग्राउने रोड

कैननबरी, एन०

[पुनश्च:] अगर ९ और ९-३० बजेके बीच टेलीफोनसे खबर दे दें कि आप आ सकते हैं या नहीं तो प्रसन्नता होगी; मैं ९-३० के बाद प्राय: बाहर रहता हूँ।

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ४३९३) से।

  1. कुमारी एडिथ लॉसन, शिष्टमण्डल कार्यालयकी एक सहायिका। देखिए: "कुमारी एडिथ लॉसनको प्रमाणपत्र", पृष्ठ २५४।
  2. ट्रान्सवालके एक करोड़पति खान-मालिक और विधायक; देखिए खण्ड ५, पृष्ठ ४२।
  3. हेनरी एस० एल० पोलक के पिता ।