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४७३. शतरंजकी बाजी

जब नये कानूनके पास होनेका समाचार आया उस समय 'स्टार' समाचारपत्रने एक प्रभावशाली चित्र[१] दिया था। उसमें दिखाया गया था कि गोरे और भारतीय शतरंजका खेल खेल रहे हैं। वह चित्र हमने 'स्टार' की अनुमतिसे इस अंकमें अलगसे छापा है और उसका उत्तर[२] भी छापा है। 'स्टार' के सबसे काले रंगका बादशाह ट्रान्सवालरूपी हाथीपर चढ़ाई कर रहा है। गोरा घोड़ा यदि अध्यादेशके घरमें बैठ जाये तो काले बादशाहको शह दे सकता है। अब कानून पास हो गया है, इसलिए गोरा घोड़ा अध्यादेशके घर बैठ सकता है और काले बादशाहको भारतीय घरमें भेज सकता है। इससे गोरा घोड़ा खुश हो रहा है।

हमने अपने प्रत्युत्तररूपी चित्रमें यह दिखाया है कि जेलके प्रस्तावरूपी घरमें एक छोटा-सा प्यादा है। वह अध्यादेशके घर की रक्षा करता है। यह बात गोरा घोड़ा अपनी जल्दी में भूल गया है। लेकिन जबतक जेलरूपी घरमें काला प्यादा बैठा है तबतक गोरा घोड़ा अध्यादेशरूपी घरमें जा नहीं सकता। इसके अतिरिक्त यह भी बताया गया है कि गोरा घोड़ा अपनी अन्धी उतावलीमें जिसे काला बादशाह मान रहा है वह भी वास्तविक बादशाह नहीं है, शायद गरीब प्यादा ही हो।

'स्टार' अध्यादेशको इतना बड़ा रूप दिया है। भारतीयके सिर ट्रान्सवालपर आक्रमण करनेका इल्जाम लगाया है। इससे मालूम होता है कि यह कानून छोटी-मोटी बात नहीं है। इस चित्रको समझने की हम प्रत्येक भारतीयसे सिफारिश करते हैं।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, १८-५-१९०७
 

४७४ अनुमतिपत्र-कार्यालयका बहिष्कार

बहिष्कारका आरम्भ पिछले वर्ष पहले-पहल चीनियोंने किया। उसका असर कैसा हुआ, यह हम देख चुके हैं। ट्रान्सवालके और ट्रान्सवाल जानेके इच्छुक भारतीयोंको चीनियों जितना करने की जरूरत नहीं है। उन्हें तो जेलके प्रस्तावका समर्थन करना है और उस प्रस्तावको सफल बनाने के लिए अनुमतिपत्र-कार्यालयसे पूरी तरह सम्बन्ध तोड़ लेना है। किसी भी भारतीयको डर्बनमें श्री बर्जेस कार्यालयमें नहीं जाना चाहिए। इसी तरह किसी भी भारतीयको प्रिटोरिया में अनुमतिपत्र कार्यालय में नहीं जाना चाहिए, न उससे पत्र-व्यवहार ही रखना चाहिए। इतना तो सहज ही समझमें आ सकता है कि यदि हमें नया कानून मंजूर न हो तो अब हम अनुमतिपत्र-कार्यालयके सामने जा ही नहीं सकते, क्योंकि उस कार्यालयमें अब जो आवेदन दिये जायेंगे वे सब नये कानूनके अन्तर्गत दिये गये माने जायेंगे। वह कानून 'गजट' में प्रकाशित नहीं हुआ

  1. पृष्ठ ४८९ के सामने दिये गये चित्रको देखिए।
  2. पृष्ठ ४८९ के सामने दिये गये चित्रको देखिए।