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२१. पत्र: सर हेनरी कॉटनको

होटल सेसिल
लन्दन
अक्तूबर २६, १९०६

प्रिय महोदय,

मैं सेवामें यह समाचार निवेदन करना चाहता हूँ कि जो शिष्टमण्डल दक्षिण आफ्रिकाके भारतीय शिष्टमण्डलका परिचय देनेवाला है उसका नेतृत्व करनेसे सर लेपेल ग्रिफितने इनकार कर दिया है। मैं आज सवेरे यह समाचार लेकर सर विलियम और श्री नौरोजीसे मिला था। जब सर लेपेलसे मुझे नकारात्मक उत्तर मिला, मैंने सारी स्थानीय परिस्थितियोंसे अनभिज्ञ होनेके कारण यह सोचकर, कि सर जॉर्ज वर्डवुड निष्पक्ष होनेके नाते दूसरे सबसे अच्छे व्यक्ति हैं, उन्हें तार[१] किया कि क्या वे शिष्टमण्डल में शामिल होकर उसके प्रवक्ता बन सकेंगे। उन्होंने तारसे उत्तर दिया कि यदि सर मंचरजी ठीक समझें तो वे तैयार हैं। सर विलियमका खयाल है कि सर जॉर्ज बर्डवुडसे प्रवक्ता बननेका प्रस्ताव करके मैंने जल्दबाजी की है, क्योंकि शिष्टमण्डलके अन्य सदस्योंको यह कदाचित् स्वीकार न होगा। मुझे अपनी भूलका अन्दाज बहुत देरीसे हुआ। सर विलियम और श्री नौरोजीका खयाल है कि सर मंचरजीसे, जो समान रूपसे और उत्साह के साथ दक्षिण आफ्रिकाके ब्रिटिश भारतीयोंके विषयमें कार्यरत रहे हैं, प्रवक्ता बननेके लिए कहा जाना चाहिए; किन्तु उन्होंने सलाह दी कि इस सम्बन्ध में आगे कार्रवाई करनेके पहले मैं आपकी अनुमति ले लूँ। इसलिए मैं आपसे मिलने लोकसभामें गया, किन्तु वहाँ एक सिपाहीने बताया कि आप सभामें नहीं हैं। मैं अब आपको लिख रहा हूँ और अनुरोध करता हूँ कि कृपया तारसे खबर दें कि सर मंचरजी प्रवक्ता हों, यह प्रस्ताव आपको स्वीकार है या नहीं।

आपका विश्वस्त,

सर हेनरी कॉटन, संसद सदस्य
४५, सेंट जॉन्स वुड पार्क, एन० डब्ल्यू०

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस० एन० ४४०३) से।

  1. देखिए "तार: सर जॉर्ज बर्डवुडको", पृष्ठ ११।