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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त



मार्च २४ : गांधीजीका ब्रिटिश भारतीय संघ और भारतीय विरोधी कानून-निधि समितिकी दूसरी बैठकमें भाग।
मार्च २९ : ट्रान्सवालके भारतीयोंकी आम सभामें एशियाई कानून संशोधन विधेयकके विरुद्ध आपत्ति और स्वेच्छया पंजीयनका प्रस्ताव।
अप्रैल ४ : गांधीजीने प्रिटोरियामें स्मट्ससे भेंट की और उनको २९ मार्चकी आम सभा में स्वीकृत प्रस्ताव दिये।
अप्रैल ८ : डर्बनमें नेटाल भारतीय कांग्रेसकी सभामें भाषण।
अप्रैल ९ : उपनिवेशमें अनधिकृत प्रवास-सम्बन्धी असत्य वक्तव्यकी भूल सुधारते हुए 'नेटाल ऐडवर्टाइज़र' को पत्र लिखा।
अप्रैल २१ : स्प्रिंगफील्डकी मलेरिया सहायक समितिके सदस्य चुने गये।



अप्रैल २४ : संसद सदस्योंकी सभामें तय हुआ कि ट्रान्सवालके भारतीयोंकी समस्याओंके सम्बन्ध में जनरल बोथा और मॉर्लेसे शिष्टमण्डल मिले।
अप्रैल २९ : लॉर्ड ऐम्टहिलके नेतृत्वमें शिष्टमण्डल जनरल बोथासे मिला। बोथाने इस बातका खण्डन किया कि नये कानूनका कोई मंशा उपनिवेशके ब्रिटिश भारतीयोंकी भावनाओंको ठेस पहुँचानेका है।
अप्रैल ३० : गांधीजीने 'इंडियन ओपिनियन' में एक पत्र लिखकर एशियाई अध्यादेशका विरोध करनेकी प्रतिज्ञा की और भारतीयोंसे अपील की कि वे अपनी स्थितिपर दृढ़ रहें। सर हेनरी कॉटनके नेतृत्वमें शिष्टमण्डल मॉर्लेसे मिला। मॉर्लेने एशियाई पंजीयन अधिनियमके अन्तर्गत नियमोंमें, जो परिवर्तन सम्भव हों, करनेके लिए जनरल बोथाको पत्र लिखना मंजूर किया।



मई ४ : गांधीजीने डर्बनके भूतपूर्वं पुलिस सुपरिंटेंडेंट अलैक्जेंडरको मानपत्र देते हुए एक सभामें भाषण दिया।
मई ६ : नेटाल भारतीय कांग्रेसकी ओरसे उमर हाजी आमद झवेरीको भारत जाते हुए विदाई देनेके लिए आयोजित की गई सभामें भाषण दिया। एक दूसरी सभामें अनुमतिपत्र कार्यालयके बहिष्कारका सुझाव दिया।
मई ७ : 'नेटाल मर्क्युरी' के प्रतिनिधिने भेंट की ।

उमर हाजी आमद झवेरीको दिये गये बिदाई भोजमें शामिल हुए। चर्चिलने लोकसभा में जनरल बोथाके इस आश्वासनकी सूचना दी कि ट्रान्सवाल अध्यादेशके अन्तर्गत नियमोंकी अवांछनीय अवस्थाओंको यथासम्भव दूर करनेकी दृष्टिसे संशोधित कर दिया जायेगा ।

एशियाई पंजीयन अधिनियमपर सम्राट्की स्वीकृति ।


मई १० : गांधीजी डर्बनसे जोहानिसबर्ग वापस।
मई ११ के पूर्व : 'स्टार' के सम्पादकसे भेंट।

मई ११ : ब्रिटिश भारतीय संघकी समितिमें तत्कालीन स्थितिपर भाषण। 'स्टार' को पंजीयन अधिनियम-विरोधी भारतीयोंको निर्वासित करनेके सुझावकी आलोचना करते हुए पत्र।



मई २६ : चीनी संघकी सभा में एशियाई विरोधी कानूनोंके सम्बन्धमें भाषण।
मई ३० : 'स्टार' को 'उपनिवेशियों' से पंजीयन अधिनियमको लागू न करने और भारतीयोंके स्वेच्छया पंजीयनको स्वीकार करनेकी अपील करते हुए पत्र।