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३२. पत्र: डॉक्टर जोसिया ओल्डफील्डको

होटल सेसिल
लन्दन
अक्तूबर २७, १९०६

प्रिय ओल्डफील्ड,

मैंने कहा था कि मैं आपको अपनी तकलीफों के बारेमें लिखना चाहता हूँ ।[१] शायद मैंने आपसे कहा था कि जब मैं बम्बई में था तब मेरी घ्राण-शक्ति चली गई थी; डॉक्टर के शब्दोंमें, मैं 'विषम प्रतिश्याय' (क्रॉनिक ओजीना) से पीड़ित माना जाता हूँ; नजला पुराना हो गया है। निश्चय ही मैं नहीं जानता कि आप कण्ठ-रोगोंके विशेषज्ञ हैं या नहीं। यदि न हों और जरूरी समझें तो आप मुझे फिर किसी विशेषज्ञसे मिला दें। मुझे लगता है, जब मैं फल और कवची मेवोंके आहारका प्रयोग कर रहा था, मेरे दाँत खराब हो गये। मुझे लगा कि दो डाढ़े सदाके लिए खराब हो गई हैं और उनमें से एक तो मैं जहाजपर ही खो दूँगा। मैंने एकको खींच निकालनेकी पूरी कोशिश भी की, किन्तु सफल नहीं हुआ। आप उन्हें देख लेंगे, या आप चाहते हैं कि मैं किसी दाँतके डॉक्टरके पास जाऊँ? अगर जाना हो तो मेहरबानी करके किसी भरोसेके डॉक्टरका नाम सुझाइए।

भले ही हम मित्र हैं; किन्तु यदि आप दोमें से किसी भी तकलीफका इलाज करें तो धन्धेके नाते करें, कमसे कम इसलिए कि आपको जो कुछ मिलता है सो आप एक लोकहित के काममें लगाते हैं।

अगर आप पेशेवरकी हैसियतसे मुझे देखें तो मेहरबानी करके समय निश्चित करें; किन्तु एकसे ज्यादा समय सूचित करें ताकि मैं सुविधानुसार चुनाव कर सकूँ। मुझे इतने लोगों से मिलना पड़ता है कि मेरे लिए समय निश्चित करना सम्भव नहीं होता। श्री अलीने मुझे फोनसे बताया कि आज वे बहुत बेहतर हैं। मुझे इससे बड़ी खुशी हुई। मुझे उम्मीद है कि आप उन्हें जल्दी ही चंगा कर देंगे।

आपका सच्चा,

डॉक्टर ओल्डफील्ड
लेडी मार्गरेट अस्पताल
ब्रॉमले

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस० एन० ४४१२) से।

  1. देखिए "पत्र: डॉक्टर जोसिया ओल्डफील्डको ", पृष्ठ २५।