पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 6.pdf/९१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

५४. पत्र: एच० रोज मैकेंजीको

होटल सेसिल
लन्दन
अक्तूबर ३१, १९०६

प्रिय श्री मैकेंजी,

मुझे खेद है कि जब आप होटलमें आये तब मैं बाहर था। 'एस० ए०' में प्रकाशित आपकी बहुत अच्छी भेंट[१] और उसकी जो चिह्नित प्रति आपने भेजी उसके लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूँ। मेरा सारा दिन प्रायः लोगोंसे मुलाकात करनेमें बीत जाता है और मुझे कभी भरोसा नहीं रहता है कि मैं यहाँ कब रहूँगा कब नहीं। परन्तु इस बातकी सम्भावना सदैव रहती है कि मैं होटलमें १ और २ बजेके बीच मिल जाऊँ। यदि आपको फुरसत हो, तो मैं चाहूँगा कि कल दोपहरका भोजन आप मेरे साथ करें । तब जिस प्रश्नके कारण शिष्टमण्डल यहाँ आया है, उसके बारेमें हम और आगे बातें कर सकेंगे। मैं अब भी महसूस करता हूँ कि शान्त-स्वस्थ बातचीतके द्वारा बहुत-कुछ किया जा सकता है; क्योंकि भारतीयोंकी स्थितिके बारेमें यहाँ बड़ी गलतफहमी है। यदि आप आ सकें तो मेहरबानी करके टेलीफोन कर दें या तार भेज दें।

आपका विश्वस्त

श्री एच० रोज मैकेंजी
[२] विचेस्टर हाउस, ई०सी०

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस० एन० ४४३५) से।

५५. पत्र: डॉक्टर जोसिया ओल्डफील्डको

[होटल सेसिल
लन्दन]
अक्तूबर ३१, १९०६

प्रिय ओल्डफील्ड,

आपके पत्रके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। इतना व्यस्त हूँ कि, दीखता है, मुझे अपनी ब्यालूका कुछ समय काटकर आपसे १४५ न्यू केंट रोड, एलिफेंट ऐंड कैसलमें बृहस्पतिवारको सायंकाल ६ और ७ बजेके बीच मिलने आना होगा। मैं माने लेता हूँ कि वहाँ आप होंगे ही।

यदि मैं न आ सकूँ तो कृपया ७ बजे सायंकालके बाद मेरी प्रतीक्षा न करें। उस दशा में मैं शुक्रवारको ४ बजे सायंकालके बाद किसी समय ब्रॉमले पहुँचनेकी चेष्टा करूँगा। यदि

  1. देखिए "भेंट: 'साउथ आफ्रिका' को", पृष्ठ ७-१० ।
  2. साउथ आफ्रिका पत्रके प्रतिनिधि