पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 8.pdf/१४५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
१०९
विशेष विचार

हॉकर' और 'पेडलर

बहुत-से फेरीवाले 'हॉकर' और 'पेडलर' का अन्तर समझे बिना 'हॉकर' का परवाना लेकर नाहक ही ज्यादा रकम भर देते हैं। जो लोग घोड़ागाड़ीमें मालकी फेरी करते हैं वे 'हॉकर' कहलाते हैं, और जो व्यक्ति हाथका ठेला अथवा टोकरी लेकर फेरी करते हैं, वे 'पेडलर' कहलाते हैं। 'पेडलर' का परवाना केवल ३ पौंडका है जब कि 'हॉकर' का पाँच पौंडका है।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, २९-२-१९०८

५४. विशेष विचार [१]

समझौतेके बारेमें जो खलबली मची हुई है उसका सही कारण मैं पिछले सप्ताह बता चुका हूँ।[२] मैंने उस समय और विचार करनेकी बात लिखी थी। जो लोग कौमका बुरा करनेके लिए ही तुले बैठे हैं उनको ब्रह्मा भी नहीं समझा सकते। फिर मैं बेचारा क्या समझा पाऊँगा? जिनके अपने मनमें कुछ बुराई नहीं है, किन्तु जो इन लोगोंकी बातोंसे बहकावेमें आकर गलत राह पकड़ सकते हैं, मेरा यह प्रयास उनके लिए ही है।

मैंने औरोंसे क्यों नहीं पूछा

ऐसे प्रश्न होते रहते हैं, जिनका उत्तर दिया जा चुका है। जिस पत्रके[३] बारेमें कहा जाता है कि मैंने उसपर बिना पूछे हस्ताक्षर किये, उसमें अँगुलियोंकी बात निश्चित नहीं हुई थी। जनरल स्मट्ससे मिलनेके बाद रातको बारह बजे भारतीयोंकी विशाल सभा[४] हुई थी। उसमें मैंने अँगुलियोंकी बात रखी थी और वहाँपर एकत्रित सभी नेताओंने उसे कबूल करनेकी स्वीकृति दी थी। केवल शाहजी ही विरुद्ध थे। इसलिए अगले सोमवारको जब मैं श्री स्मट्ससे मिला तब लोगोंके विचार पूर्णतया जानकर गया था। फिर जेलमें नेताओंकी ओरसे जो सन्देश मुझे मिलते थे, वे मेरे ध्यानमें थे। लोगोंके वास्तविक कष्ट और उनके मनकी स्थितिकी मैं पूरी-पूरी जानकारी रखता था।

मैंने धीरज नहीं रखा

कुछ लोगोंका खयाल है कि जेलमें रहनेके कारण मुझे विलायतमें चलनेवाली बातोंका पता नहीं था। कुछ ठहर गया होता तो उचित रहता। यह भी ठीक नहीं है। जेलमें लोग मुझे सभी खबरें देते थे। न देते तो भी विलायतमें क्या होगा, सो भविष्यवाणी मैं कर ही चुका था। अर्थात् मैंने बिना समझे-बूझे कुछ नहीं किया है। सब्र रखनेसे कुछ और नहीं

 
  1. इंडियन ओपिनियनमें यह पत्र "श्री गांधीका दूसरा पत्र" शीर्षकसे प्रकाशित किया गया था।
  2. देखिए "पत्र: मित्रोंको", पृष्ठ ७४ तथा "संक्षेपमें स्पष्टीकरण, पृष्ठ ९६-९७।
  3. देखिए "पत्र: उपनिवेश सचिवको", पृष्ठ ३९-४१।
  4. संयोजकोंके अनुरोधपर अखबारोंने इस सभाकी कार्रवाई नहीं छापी थी।