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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

इस जगह गवाहने १९०७ के अधिनियम २ के बारेमें जारी की जानेवाली अनेक सरकारी उद्घोषणाएँ और नोटिसें पेश कीं। गवाहने आगे बताया कि २९ जून और २ जुलाईके बीच मैं बराबर श्री गांधीके कार्यालयमें जाता रहा और मुझे या पुलिसके किसी अन्य आदमीको किसी जाली प्रमाणपत्रके विषयमें कुछ नहीं बताया गया।

श्री गांधी: आप यह स्वीकार करेंगे कि यह साफ जालसाजी है?

[ वरनॉन: ] हाँ, यह बहुत साफ जालसाजी है। जो लोग श्री चैमनके हस्ताक्षर नहीं पहचानते, इसे सही मान लेंगे।

एशियाइयोंके पंजीयक श्री चैमनेने कहा कि मैं अभियुक्तको नहीं पहचानता। पंजीयन-प्रमाणपत्रपर जो हस्ताक्षर था वह मेरा नहीं था, बल्कि जाली था। सरकार द्वारा जारी होनेवाले पंजीयनप्रमाणपत्रकी तुलनामें [वह] जाली कागज छपाईमें, नम्बरमें और आकारमें थोड़ा भिन्न था। मुझे श्री गांधीसे ऐसी कोई सूचना नहीं मिली कि अभियुक्तके पास एक जाली प्रमाणपत्र है। मैंने जाली प्रमाणपत्रके अस्तित्वकी सूचना पुलिसको दी। सब पंजीयन प्रमाणपत्रोंपर केवल मैं ही हस्ताक्षर करता हूँ। अनुमतिपत्र देनेका अधिकार नेटालमें किसीको नहीं है।

श्री गांधी: क्या जाली कागज सरकारी कागजकी काफी अच्छी नकल है?

[ चैमने: ] निश्चय ही यह कागज बहुत अच्छी नकल है। मेरे हस्ताक्षरकी नकल अच्छी नहीं है।

सुपरिटेंडेंट वरनॉनने [ जिरहके लिए ] पुनः बुलाये जानेपर बताया कि चार्ज ऑफिसमें अभियुक्तकी तलाशी लेनेपर मुझे १९०३ के प्रवासी-प्रतिबन्धक अधिनियम संख्या १३ के अन्तर्गत जारी किया गया एक अधिवास प्रमाणपत्र और व्यक्ति-करकी कई रसीदें भी मिलीं। अधिवास-प्रमाणपत्रपर दो अंगूठा-निशान थे और प्रमाणपत्र डाह्या लालाके नामपर था। अभियुक्त घरकी तलाशीके समय पुलिसका सिपाही हेनरी उपस्थित था और [ उसने ] कागजात बरामद करते देखा था।

श्री शूरमानने मुकदमेके निमित्त माँग की कि अभियुक्तकी अँगुलियोंके निशान लिये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामलेमें मुझे विशेषज्ञ साक्षी बुलाना होगा।

श्री गांधीने कहा कि मैं कोई आपत्ति नहीं उठाऊँगा और मुकदमा स्थगित कर दिया गया।[१]

[ मंगलवार, जुलाई २८, १९०८ ]

मंगलवारको विलियम जेम्स मैकिंटायरने [ डाह्या लालाके स्थगित कर दिये गये मुकदमे में ] बताया कि मैं श्री गांधीके यहाँ मुनीमकी हैसियतसे नौकर हूँ। अभियुक्त की गिरफ्तारी वाले दिन तीसरे पहर सुपरिटेंडेंट वरनॉन श्री गांधीके कार्यालयमें आये थे और उन्होंने अभि- युक्तका पंजीयन-प्रमाणपत्र माँगा था। मैंने कार्यालयकी तिजोरी खोली और प्रमाणपत्र उसके

 
  1. पहले दिनकी मुकदमेकी रिपोर्ट ट्रान्सवाल लीडरसे और शेष दो दिनोंके मुकदमेकी रिपोर्ट इंडियन ओपिनियनसे ली गई है।