पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 8.pdf/५३६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
४९६
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

(६) उपनिवेश-मन्त्रीने अपने ३० जनवरी १९०८ के पत्रमें इस विषयको संसदकी अगली बैठकमें संसदके समक्ष पेश करनेका जो वचन दिया है उसे पूरा किया जा रहा है।

एम० चैमने

२५ जून, १९०८ को प्रिटोरियामें शपथपूर्वक मेरे सामने पेश किया गया।

जे० एच० एल० फिंडले
शान्ति-रक्षक न्यायाधीश

चैमनेका अनुपूरक हलफनामा

[ प्रिटोरिया ]
जून २६, १९०८

मैं प्रिटोरियाका मॉटफोर्ड चैमने, एशियाइयोंका पंजीयक शपथ लेकर कहता हूँ:

१. उपर्युक्त विजयके सम्बन्धमें इस माहकी २४ तारीखको मुझे जो प्रार्थनापत्र पहुँचाया गया है, उसमें वे सारे संलग्न कागज नहीं थे जिनका उसमें उल्लेख हुआ है; ये संलग्न कागज सरकारी न्यायवादीको कल सवेरे ही दिये गये हैं।

२. श्री गांधीने अपने हलफनामेके अनुच्छेद १० में ३ फरवरी, १९०८की जिस भेंटका उल्लेख किया है उसमें मैं आरम्भसे अन्ततक उपस्थित था और मैंने जो बातें हुई, सब सुनी थीं। उस भेंटमें १९०७ के अधिनियम संख्या २ को रद करने का कोई वचन नहीं दिया गया था।

३. विभागीय सूचनाओंके अनुसार मार्च, १९०८ में, पंजीयनके लिए प्रार्थीके प्रार्थनापत्रके परिणामस्वरूप, उसकी वेरीनिगिंग-स्थित पेढीको व्यापार करनेका परवाना दिया गया था।

एम० चैमने

प्रिटोरियामें, २६ जून, १९०८ के दिन शपथपूर्वक मेरे सामने पेश किया गया।

जे० एच० एल० फिडले
शान्ति-रक्षक न्यायाधीश

स्मट्सका हलफनामा

[ प्रिटोरिया ]
जून २६, १९०८

मैं, प्रिटोरिया निवासी जॅन क्रिश्चियन स्मट्स, उपनिवेश सचिव शपथ लेकर कहता हूँ:

१. मैंने १९०८ की ३० जनवरीको या ३ फरवरीको श्री मो० क० गांधीको ऐसा कोई वचन नहीं दिया फि १९०७ का अधिनियम संख्या २ रद कर दिया जायेगा।

२. ३० जनवरी, १९०८ के उस पत्रमें, जिसकी नकल इस प्रश्नसे सम्बन्धित प्रार्थनापत्रके साथ नत्थी की गई है, वे सब बातें दी गई हैं जिनके साथ मैंने अपनी सहमति प्रकट की थी।

३. जैसा कि उस पत्रमें कहा गया है यह विषय संसदमें पेश किया जा रहा है।

जे० सी० स्मट्स

प्रिटोरियामें, २६ जून, १९०८ के दिन शपथपूर्वक मेरे सामने पेश किया गया।

जे० एच० एल० फिंडले
शान्ति-रक्षक न्यायाधीश

[अंग्रेजीसे]
इंडियन ओपिनियन, ११-७-१९०८