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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

संशोधन विधेयक[१] नामसे एक नये विधेयकका वाचन हुआ, "जिसमें हमारा चाहा हुआ ( लगभग ) सब कुछ शामिल था।"

उक्त विधेयकका विधान-परिषदमें दूसरा वाचन तथा विधानसभामें तीसरा वाचन हुआ।

गांधीजीने नये विधेयकके बारेमें 'ट्रान्सवाल लीडर' और 'स्टार' को मुलाकात देते हुए कहा कि वह एशियाइयोंकी माँगें पूरी नहीं करता और सत्याग्रह फिर शुरू किया जायेगा।

अगस्त २२: एशियाई स्वेच्छया पंजीयन संशोधन विधेयकका विधान परिषदमें तीसरा वाचन।

अगस्त २३: जोहानिसबर्गमें आम सभा; और प्रमाणपत्र जलाये गये।

गांधीजीपर हमला करनेवाले मीर आलम और अन्य पठानोंने अपनी भूल स्वीकार की और "अन्ततक संघर्ष करनेकी" प्रतिज्ञा की। गांधीजीने सर पर्सी फिट्ज़पैट्रिकके इस कथनकी निन्दा की कि उपनिवेशकी विभिन्न कौमोंमें संघर्षकी सम्भावना है।

अगस्त २४: ब्रि० भा० सं० के अध्यक्षने उपनिवेश-सचिवको लिखा कि "भारतीय भयंकर संघर्षको प्रारम्भ" करनेके पहले फिर सरकारसे प्रार्थना करते हैं कि उन्हें माँगी हुई राहत दी जाये।

अगस्त २७: दाउद मोहम्मद और नेटालके अन्य नेताओंकी जोहानिसबर्ग अंजुमन इस्लाम हॉलमें गिरफ्तारी।

अगस्त २८: नेटालके भारतीय नेताओंका प्रिटोरियासे निष्कासन। गांधीजी और अन्य सज्जनोंने उन्हें स्टेशनपर विदाई दी।

अगस्त ३०: हमीदिया मस्जिदमें भारतीयोंकी सभामें भाषण।

 
  1. एशियाटिक रजिस्ट्रेशन अमेंडमेंट बिल।