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पृष्ठ:सरदार पूर्णसिंह अध्यापक के निबन्ध.djvu/७

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थीं जिसमें भारतीय और जापानी विधार्थी काफी संख्या में रहा करते थे, इस संस्था के पूर्णसिंह मंत्री थे। इनके ऊपर जापानियों के सरसता और उनके कुसुम कोमल प्रेम-भाव क बड़ा प्रभाव पड़ जापान के शान्ति-आनन्द के उपासक अनेक व्यक्तियों, कवियों और कलाकारों से इनका परिचय हुआ, साथ ही वहाँ के बुद्ध धर्म का इनके ऊपर अत्याधिक प्रभाव पड़। जापान में हाथ के कला-कौशल को देखकर ये मुख्यधारा हो गयी। कुल मिलाकर इन्होंने कर्म और भावना, जीवन और अध्यात्म दोनों दृष्टियों चेक नवीन आनन्द का अनुभव किया।