पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/१३३

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महाराजा की राय । महाराजकुमार की राय महारामादलंगम्मतसिंह देष पदापुर मटररी महाराजमार पलभरसिंह, वाफ माफ पटना स्टर बालागिर, जिला सम्बलपुरस मोरिस रिखते हैं- - ....! मिययर मापकी मेनी हुई मौसी की दया यह दसरा मौका है भापकी दा लिये एनाह। इस दपा से दमारी-सी पिसफुल मासा पसर दिपाया; जिससे मैंने हर खाती रही। मैंने इसके कुल सातही उपक पाये, अधिक पीने की दरकार न रही। खासी मुसे की मदीने से सताती रहती थी, इसलिये पुना पापको कर। धन्यवाद देता है। दाद की मलहम। कफ वो खाँसी की दवा मालपदी शीरी टी शीशी | मॉलर प्रामे दिपिया १ से म. यो माने । म. 1-१२ निषिया ARMA वा सब जगह मिकती हैं। नकली दवा से सावधान ! ., एम.के, बर्मन, ताराचंद टन ट्रौट, कलकत्ता। पास पर्प से परावर ती जाति की सैषा परमेपाली मा पुस्तकें। . .. मी पुन 'दिम्दी भाषा में स्त्री शिक्षा की सबसे प्रमी, सस्ती पौर अनेक सियों से विभूषित गासिक पत्रिका ... विनोद-चैचिश्य :: प्रति मास VI हलमा मा रह रिवन प्रेस, मयाग से निका पाता विशेष मा मकर हम यही मनुरोध करते हैं माला के ग्पसम्पादक पढिरा सोमपएप मैमेजर, गहम्मामी, प्रणाम. से सम्मा मंगा देषिप पी० ए० को हिन्दी-भाषा-भाग मत मारमा एवमी मार को ना मिली पोशिका-सम्परी । यह पुस्ता उ पति जीपीय marम रेमिए मिनी में मिनी - पिपयों पर पहिया परिया रोग नाम पारी से मूल गाणी मारो मे से पेट में सजिलयर रिमामय पादिग्री । ., ... . ... एक रपया। साठी , ... ... पनि सुधि-पिताम ) मामी ... यह पुस्तक पतिा में जिस मारने ममता :., ... 19) प्रादर्श र माईनादिम ) ... बी०एर गमपुरा को दिदीसार प्रसार कम्याचमुखी दी पायमा पर्या में पर मकानी सती मामी कर सकी स्पना की है। मून्या गार पाने । मैनेजर, एहनक्ष्मी, इलाहायाद। पता मेनेजर, इंडियन प्रेस, प्रयाग