पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/१५७

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__ सरस्पती। । - - - ~ यार्य लोग कहाँ से धाये। -पार्या प्रेग माय एशिया - यहीं से उनकी एक मामा मामएर सी जाति के दिम निपास स्थान प्रारमियुमरम्पनी मीरा. श्री का पता पस्लाम की सामग्री जितनी २-मार्य सोग र-पदियमा है उन दम्त-कथा से मिल मी एशिया में पाये पार पहाँ मेरे मिना मग्रार, परम्परागत उन भिन्न स्थानों में कमी EPTr जातियों में चला माना है, . में प्राकर पसी। । उतमी मामी उनके सादिस्प में मिलने की बात -मटारमा सिटा में मगन जुम्मा कम सम्मायना रहती है। सामान्तर सीपस्था मापयरियाको में बदुत कम जानियां अपने प्राचीन साहित्य है। वाम गुमंग या भय प... मार को साद कर ए. स्थान से दूसरे पान पर गहा, प्राय रे गमय (iterathe में जाती।ममारी सभी जातियों के सादिस्य अधिकार रहिम पाने मसार का प्रारम्म पार गरिपर्धन प्रायः उसी पेश में दुमा की ओर से की ६.जही पे जातियां समाप्टिी सा रही है पर में पासिमने गो वा पभीगदी मानिसाहित्य में यहरियो निर्माचरिया। मिगिरकी घोर जाने का मरेही पर्यन ती परतने कपा (एमने पापों के मामलो मात्र में यदी पिज्ञान महा मान मफना पर पिपार पाए पर मिनाया ! निमारत पार समरहिमीभीमा की रपमा काटपात पूर्ण पापोंगामा। मिमिर प्रदेश में प्रपा पे रंग उपसिी गदमे पता वेद ग मागे भी मागका प्रपने | पहा से गये चार माद मममय मेगनी बाग समय यापर माऐं। समभीर पापमप्रार पदप प्रग्या में प्रापः उन्होंने पा <iirl.ri-1) पसीने पता पर गरमाहागी जागिरमा पाल या भी रिगा mirat मात पपा जहाग रन मागोमाग रहीमा मेमेगमप में की जर मोगी शादी , गाम्पमा बीरपमा प्रारम्मद गणमेपेरीम. ने आगेगा मिरजगारीमा पर्पन.पिस्वामिासमा गादेगा। Amपापा गनेर Fry मादिग-time रेशमें गमनागरपारापिपारी tntremit, पारेपmta Farपति परम आदमापht सारा HTRIYAttrati. सामान लिप में मेरा mirnar पापाterinatam a mlentvindia मगर र TA tranE