पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/१६९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

। सरस्पती। मुम्पर-राज्य ही में होनी चाहिए । ये बातें भी इस थे। इस रंगरे मुताबिक नौम र शीर मनमान की पोपक कि मार-मरेशों की राजधानी सम्पम्प रस्ता पा । एक दूसरे रे मुनमुन र कमीज ही में रही होगी । शिलालेप में उलिखित मला सारण भारत में दधि, मोपिरो . मन्दिर यर्प के भारम्म में पूर्ण हो गया होगा। "नयकुसुमययामप्रमों मोपाम्" इसी को मिर सम्वतापूर्वक सीवनगाशा का मार लिम सीमती सदी में विज्ञान सामना करता है । मोप वृक्ष वरसात ही में फूलते है। मन्त में "उरकी नई मौका माविम्मर दुमा । मरे भये मिगत मिहिरयर्मणा" देय पर , गीसवीं शतानी मारम्म में गोरा मापनिक चित्रों के नीचे छपे हुए छापेखानों के MM Inc नाम की याद मानी है। का गम मामी दुमा। हो कारण हरि रामचन्द्र विषेकर। मनुष्यों में होता पाप गत म मनु मगा। इस कारण बहुत से मनुष्य करने इँगलेंड के मजदूर। करने की प्ठा राने पर भी गौ म ।' मगा। किन्तु मीपनपापा से मिरर rrnमी पाग भारि पाप्राम्य देशों की भाषस्य पा। इस मिए मजार हननी म्ममा इस समयमा दश प्रहरी सही भी काम पने सगे गे मतिमनिरनिरा " प्रारम में पी। हम समय पोर थी। जिन चि गाम्याम कामगर का पापार राति बीम सीमा पर सम्पादित मा पारिए पा भी प्रामा। पहुँच दुपात अस समय यहां काम करम खाँ । अतएर अपने पापना म मापार सापार प्रबरपा में बा। देवेनपा गमका पातम-रोपण से पार शिम अमर मासबोपकाराने रेतने में मारे गई । पो पोरे मात सात मुं गे पसमा पनी रातादी में पं। इस समप ऐसी बिए कारगने में माराम नेगी। पी पनि माग गारोमा पाहुए । मानिग इसी पद भी पानी रागार पर भी मार। कार में से भाराम पासपो महासमक प्रेमासामिपा बिरदीपी पास निमग सान पाम्पमा सो पारे । मे मागमा नाम भरी मिरम (Fictory पाम बारे मा समापपई मो SHEIn) इममें सो मार १८ ग्याम पर इ साप, मामिलामा पसे बाम हर मामी भीमता में ग्राम रते हैं। काम नहीं। मगर भी शिम पर पुत्र पर अपनी मारा ते मिठा मिार मिरी(SIPE ) नमामिलामा वाम र म मारो मानिसमा मगरी माया में ITB मर मिग मे मागरमा पा सरा नाम सोप ferintम रा पा-बोम-हामी flouritrin-try)। म मा । पोप ।