पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/४१९

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२५१ . सरस्पठी। - RE !! (१०) र लार सेपाको मन मे, पाणो से पर उमे प्रसंशा-गर पार गदि । पार फर्म से सदा शुदपार पवित्र दाना चाहिए परीक्षा मेने में पसीजती की जाती। ' पार गदा अपमे पुगग पर मरामा रम्पमा पाहिए। या में काम प्राने र मेर "सदा तयार एमा", लोकमेयो का मूल. कनेक उपयोगी निपय सीगने पहले मगर है। मानसिक पार शारीरिक, दानी दो प्रकार. रोगियों की संयानासपा करमा, मामी की पारी उनके लिए प्रागश्यक।मानसिक तयारी म्मिा पिसीसा फरना, दारी दुप मनु । से यद वारय ६ कि मन कामदा ऐसी शिक्षा बचाना, माग गर्म पर उगी शामिल मिलनी र मिसमें ग्रापति भावि पं. ममय ये गुग्न करमा हस्यादि इन मापरियों के निशरणर्थ । दी यद पिचय कर मजि. उस समय उन्दै पपा सरद की गलियां मिया मोत करना चाहिए शारीरिफ नदारी इम दिए की जानी रिय प्राों, मात्रो, पा, मादको ना पिना स्यम्प शरीर का कार्य पी सह जन्तु स्यादि के माप प्रान मी पर मपना सम्भप है। प्राप्त करना पड़ता है। गाना-माना. पुमापि स्टोर मयको पं. शिक्षा-दाम में मोगे निगो पाम जाममा, पदार्थ-विज्ञान में गति प्रायः पात पर विशेष ध्यान दिया जामा - उसके लिए मापदपक गुप्त मेस (१) | मपी का किमान, म्याप का उपाए सामना भी थापया सम्पी, पुरुषार्थो, मायनत, प्रत्यक्ष अनुमरी स्यादि शान में मनुष्यादा ही माप धार ममता मनाने का प्रयदा किया जातामसिए भायं साप तापमान में पर मान देग उमरिशीयनर्यातमी प्रमाली तथा उनके पना पुगर मे दम्पा की,कमे की, कादं मेरी कर्मय साधन स्परूप मममे जावे। लिपर से प्राया, पर मंगपा र म (Rोप । सलिए संपत कर सासारस्पादि। riग-पग्धे मिला जाग उदारम (vjrm भिमेलमा लिएकाहारगीरी, पाणी, मानी पड़ी. कधारीक प्याराम पा रहा गासीसारमधाम.मीनपरी. मगीरी, प्रमगाम करमा पानाप्रपा गरी, माहीमारमा प्रनिति को तरसती गेम गेलपर भाने पान, समान काम, पायेगाने गापाम, RRAमा राती 1ARE पापुमने का नाम, गान मे तु मापनेपासी , न ग र पभम पारि भी टाया ताकिला पर सामसारी भागमा पर Hitी पर पगारवा गार पाम प्रारमिन र मतिर मामी हार पर भी पीपमा पता भी दियर भी मोtty नारामागे पना, गीता और मोटा नालाबारीमनुमान पिता नारे पर गरी मासेमी लाजीतमनार में सार में पूर्णानदार जनाtkml #TRare पापी मानीरादे ता Arcurith 1 1 .- - - . . .