पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/८७

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- सरस्वती। . . . . . मारा गया। पर, मनग्य को मार कर भी दियोदास प्रतर्दन के समय में उसका अन्त हो, पटुप्त दिन तक काशी का राजा न रह सका । हैहय राक्षसों का प्राधिपत्य काशी पर था पार रामों के साथ काशी के यम का युस बहुत समय दियादास द्वितीय ने गा पार गोमती तकता रहा । पुगणकार लियत है कि यह युद एक नया नगर वसाया । इसके अनन्तर'. का एक महम्रपर्पसक जारी रहा। युर का प्रारम्भ राजा सगर के साहाय्य से पुनः काशी जीव. । यद्यपि हैहय कुष्ट से हुआ था तयापि भव्य की यहां अपना राज्य स्थापित किया। मृत्यु फे भार वह ईहय तथा दक्षिम से पड़ते हुप रामा प्रतर्दन के बाद पास भाम उस राक्षसों के साथ भी क्षेता रहा । महाभारतकार रामा हुमा । यत्म के पुत्र का नाम पालक लिमत है कि यह युद्ध काशी के धार गजओ के समय भटकं बड़ा प्रतापी पार दीर्घायुषी मा। तक जारी रहा । सहस्र घर्ष फी प्रपेसा यह पिछला अगस्त्य की पनी लोपामदा की यही समय अधिक सम्मयनीय मालूम होता है। किन्तु लोपामुद्रा विदर्भ के रामाकी पीथी। महामारत के अनुसार युग का अम्त विवादास फे पतिव्रता थी। उसी की कृपा से रामा । पुत्र प्रतर्दन के समय में हुमा । पुराणों में विवादास हुमा या । रामा अलर्क के अमन्तर . " नाम के एफ ही रामा का पता चलता है। अप यदि में काई प्रमल रामा म हुमा । मरण, इसी दिवोदास पुन प्रतर्दन के समय में युय का मुदास, दिलीप, पु, दशरय पार गम समाप्त रोमा माना जाय तो चार रागों के काम का प्रयाभ्या के गो के परामम के सामने उल्लेखटीक मही घेता पार यदि काल का उल्लेख एजगण हीन-प्रम ही रहे । यद्यपि मन ठीक मामा आय सोनियादास प्रतर्दन का पिता नहीं कुश के समय तक काशी का पम्य नि.मा को सफता । इसलिप सर्क पार अनुमान कहते है कि चलता रहा, तथापि उसमें परामामशासी विवादास माम के दो पो हुप, पार युर का न दुमा । कुश के समय तक फाशी में 'पारम्म एक दिवोदास'फै समय में होपर मनन्तर सुनीप, क्षेम, फेसुमत् द्वितीय. मुच, पा 'दसरं वियादास के पुत्र प्रतक्म के समय में हमा। सत्यकेतु, विमु, मुभिमु, मामार। पृएम, यतिसत की पुटि पुराम्हों से नहीं होती, तथापि पार मर्ग मामक तेरह गजे हुए। भर्ग केस • महाभारत के कुछ उल्लंग्न इसके परिपीपक अपाय इस राज्य को कुश में प्रयाया के,पम्य में परा के अनुसार विवादास भीमरथ का पुत्र दिया। इस प्रकार महर्षके कछ समय व थापार महाभारतकार जिस प्रतर्दन समय में युर किसी प्रकार से बचा दुमा काशी का राज्य का मत लिगाते हैं उसफे पिता दियादास को पे के राज्य में सम्मिलित हो गया। , मुरंप का पुत्र यतलाते है। इसके सिया प्रशरप .. मानव-वंश। • पार पर्यप मामक दो राजों के माम भी महामारत