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सचाई की जड़

उजरत एक ही होनी चाहिए? वास्तव में होना तो यही चाहिए। इसका फल यह होगा कि जिस तरह हम सब चिकित्सकों और वकीलों की फीस एक ही होने से अच्छे वकील, डॉक्टरों के ही पास जाते हैं, उसी तरह सब मजदूरों की मज़दूरी एक ही होने पर हम लोग अच्छे राज और बढ़ई से ही काम लेना पसन्द करेंगे। अच्छे कारीगर का इनाम यही है कि वह काम के लिए पसन्द किया जाय। इसलिए स्वाभाविक और सच्चे वेतन की दर निश्चित हो जानी जानी चाहिए। जहाँ अनाड़ी आदमी कम तनख़्वाह लेकर मालिक को धोखा दे सकता है वहाँ अन्त में बुरा ही परिणाम होता है।

अब दूसरे प्रश्न पर विचार करें। वह यह है कि व्यापास की चाहे जैसी अवस्था हो, कारखाने में जितने आदमियों को आरम्भ में रक्खा हो उतने को सदा रखना ही चाहिए। जब कर्मचारियों को अनिश्चित रूप से काम