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सर्वोदय

मत्यु है। इस जमाने में इतना झूठ बोला और इतना न्याय किया जा रहा है कि साधारणत हम उसे झूठ और अन्याय कह ही नहीं सकते। जैसे कि झूठे विज्ञापन का देना, अपने माल पर लोगों को भुलावे में डालने वाले लेवल लगाना, इत्यादि।

अनन्तर वह बुद्धिमान् कहता है—"जो धन बढ़ाने के लिए गरीबों को दुःख देता है वह अन्त में दर-दर भीख मागेगा।" इसके बाद कहता है—"गरीबों को न सताओ क्योंकि वह गरीब है। व्यापार में दुखियों पर जुल्म न करो क्योकि जो गरीबों को सतायेगा, खुदा उसे सतायेगा!" लेकिन आजकल तो व्यापार में मरे हुए आदमी को ही ठोकर मारी जाती है। यदि कोई संकट में पड़ जाता है तो हम उसके संकट से लाभ उठाने को तैयार हो जाते है। डकैत तो मालदार के यहाँ डाका डालते है परन्तु व्यापार में तो गरीबों को ही लूटा