पृष्ठ:साम्राज्यवाद, पूंजीवाद की चरम अवस्था.djvu/१३७

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है? रेल-संबंधी आंकड़ों[१] में विश्व अर्थतंत्र में पूंजीवाद तथा वित्तीय पूंजी के विकास की अलग-अलग रफ़्तारों के बारे में बहुत ही सही-सही तथ्य-सामग्री मिलती है। साम्राज्यवादी विकास के अंतिम दशकों में रेलों की कुल लम्बाई में इस प्रकार परिवर्तन हुए :

रेलें
(हज़ार किलोमीटरों में)




१८९० १९१३ बढ़ती




यूरोप ……………… २२४ ३४६ +१२२
सं॰ रा॰ अमरीका ……………… २६८ ४११ +१४३
सब उपनिवेश ……………… ८२ २१० +१२८
१२५ ३४७ +२२२
एशिया और अमरीका के स्वतंत्र और अर्द्ध-स्वतंत्र राज्य …… ४३ १३७ +९४




कुल ……………… ६१७ १,१०४

इस प्रकार हम देखते हैं कि रेलों का विकास अधिक तीव्र गति से उपनिवेशों और एशिया तथा अमरीका के स्वतंत्र (तथा अर्ध-स्वतंत्र) राज्यों में हुआ है। जैसा कि हम जानते हैं यहां चार या पांच सबसे बड़े पूंजीवादी राज्यों की वित्तीय पूंजी का एकच्छत्र राज्य है। उपनिवेशों में और एशिया तथा अमरीका के अन्य देशों में दो लाख किलोमीटर


  1. Stat. Jahrbuch fũr das deutsche Reich, 1915; Archiv fũr Eisenbahnwesen, 1892 (जर्मन साम्राज्य के लिए आंकड़ों का वार्षिक वृत्तांत; १९१५; रेलमार्ग पुरालेखशाला–अनु॰)। १८९० में विभिन्न देशों के उपनिवेशों में रेलों के वितरण से संबंधित ब्योरे की बातों का मोटा-मोटा अनुमान ही लगाना पड़ा है।

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