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साहित्यालाप

इस समय देहली के तख़्त पर अकबर शाह नंबर २ है अकबरशाह के भाई के बड़े बेटे का नाम सुलेमाँ शिकोह है । आगरे में उनके बड़े बेटे मिर्ज़ा काम बखश से मेरी मुलाकात हुई। योरपवालों में जिनका तजुरुबा सबसे अधिक है वे भी ऊँचे दरजे के मुसलमानों के साथ अच्छी तरह बातचीत नहीं कर सकते । एक पढ़ा लिखा अच्छे घर का मुसलमान टालमी की ज्योतिष विद्या का ज्ञान रखता है, अरिस्टाटल और फ्लेटो के न्याय शास्त्र और दर्शन शास्त्र से परिचय रखता है,और योरप के कितने ही प्रसिद्ध प्रसिद्ध पणिडतों की किताबों की बातों को जानता है। क्योंकि उसने इन सब विषयों को अरबी और फ़ारसी में पढ़ा है। तत्वविद्या, साहित्य, विज्ञान और कलाकौशल सम्बन्धी बातों में उसे अच्छा शान रहता है और वह घण्टों इन विषयों पर बातचीत कर सकता है। हमलोग इन बातों को अपनी भाषा में चाहे जितनी योग्यता से कर सके, पर हिन्दुस्तानियों के साथ उनकी भाषा में बातें करना हमारे लिए इस समय बिलकुल ही असम्भव है। हम उनकी भाषा नहीं जानते और उसे अच्छी तरह नहीं बोल सकते । जितना मैं हिन्दुस्तानियों के बीच में रहा हू,और मैंने उनके साथ जितना अधिक वार्तालाप किया है उतना और किसी अँगरेज़ ने न किया होगा । पर जब मैं इस मुल्क में पढ़े लिखे आदमियों के साथ और और मुल्कों की राजपद्धति के विषय में बातचीत करता हूं तब मुझे अपनी भाषा-सम्बन्धिनी अयोग्यता पर बेहद