पृष्ठ:सितार-मालिका.pdf/१३९

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सितार मालिका बजाइये कि 'धा' की तीनों मिजराबें 'कतधा कतान' बजने के बाद ध नि सां पर धा धा धा बजायें। दुबारा इसी टुकड़े को किसी अन्य स्वरों पर बजा कर तीनों 'धा' इस प्रकार बजाइये कि स्वर ध नि सां के स्थान पर नि सां सां हो जायें। तीसरी बार इसी टुकड़े को ( यदि आप अब तक आरोही की ओर कतकत कतधा बजाते आ रहे हैं तो अबकी बार अवरोही में, अर्थात् तार सप्तक के गान्धार से शुरू कर दीजिये) और फिर तीनों धा "नि नि सां" पर बजा डालिये। इसे इस प्रकार बजाया जा सकता है कि तीनों धा के स्थान में "सां सांऽ” बजे। इस आधार पर मिजराब मत लगाइये। बीच के सां अर्थात् धा पर जोर की मिजराब मारिये । सुनने वालों को यही भ्रम होगा कि आपका सम दूसरे ‘सां' पर है, जब कि है वह अनाघात । इस प्रकार आप एक ही टुकड़े को हर बार अलग-अलग स्वरों पर बजाकर और हर बार तीये को नवीन-नवीन रूप देकर एक हो टुकड़े के आधार से सांसांसां, धनिसां, निनिसां, निसांसां, सांसां-, सां-सां, -सांसां, आदि पर धाधाधा को बजा सकेंगे। इसका भली प्रकार स करने पर निम्न तीये बजाने का प्रयत्न करिये। चार धा का तीया- इसी आधार पर चार 'धा' का तीया भी देखिये। इसे बजाते समय कहीं आप धा धा धा धा बोलने में यह न भूल जायें कि आप कितने धा बजा गये । अतः हम इनके स्थान पर धा धा धा धा न लिखकर १, २, ३, ४, ही लिखेंगे । आप भी धा धा के स्थान पर १, २, ३, ४ गिनतियाँ ही बोलिये। बजाने का क्रम वही होगा जो तीन धा के तीये का था। देखिये:- X कतकत कतधा- कतकत कतधा- कतकत धा-कता न.१ २.३ ३ ४,कत ४,कत धा-कता धा-कता -त, पांच धा का तीया-- X कतकत २ कता-न कतधा- कतकत कतधा- o ३ धा-कता -न१, कतधा- कता-न १,२, x