पृष्ठ:सिद्धांत और अध्ययन.djvu/२२८

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१४२ सिद्धान्त और अध्ययन प्रत्येक पद स्वतन्त्र होने के कारण ये भी मुक्तक की कोटि में आते हैं। इस युग में प्रबन्धकाव्य की अपेक्षा मुक्तक का अधिक मान है। इसका मूल कारण है, वैयक्तिकता का प्राधान्य । पिछले युग का कवि अपने व्यतितत्व को अपने उपास्य के व्यक्तित्व में समाविष्ट कर सकता था, आजकल का कवि अपने को प्राधान्य देता है। यद्यपि प्रबन्ध और मुक्तक का विभाग प्रधानतया पद्य का है तथापि गद्य में भी यह विभाजन लागू हो सकता है । उपन्यास महाकाव्य का स्थानापन्न होकर और कहानी खण्डकाव्य के रूप में, गद्य के प्रबन्धकाव्य गद्य के रूप कहे जा सकते हैं। महाकाव्य उपन्यास की अपेक्षा इतिहास के अधिक निकट है। उसमें व्यक्ति को जाति के सम्बन्ध में ही देखा जाता है। इतिहास में जाति की प्रधानता रहती है। महाकाव्य में व्यक्ति को महत्त्व मिलता है किन्तु जाति के प्रतिनिधि के रूप में। नाटक और उपन्यास में व्यक्तियों को स्वयं उनके ही कारण मुख्यता मिलती है । इतिहास में कार्यकलाप पर अधिक ध्यान रखा जाता है किन्तु उपन्यास और नाटकों में वाह्य कार्यकलाप के अतिरिक्त उनके प्रेरक प्रान्तरिक भावों पर भी बल दिया जाता है। गद्यकाव्य तो मुक्तक है ही, पत्र भी मुक्तक की कोटि में प्रायेंगे। उनकी स्थिति निबन्ध और जीवनी के बीच- की-सी है। समस्त संग्रह की दृष्टि से एक-एक निबन्ध भुगतक कहा जा सकता है किन्तु निबन्ध के भीतर एक विशेष बन्ध रहता है (यद्यपि उसमें निजीपन और स्वच्छन्दता भी रहती है) । वैयक्तिक तत्त्व की दृष्टि से गद्य के विभागों को हम इस प्रकार श्रेणीबद्ध कर सकते हैं---उपन्यास, कहानी ( काव्य के इस रूप में उपन्यास की अपेक्षा काव्यत्व और निजी दृष्टिकोण अधिक रहता है ), जीवनी ( यह इतिहास और उपन्यास के बीच की चीज है, इसका नायक वास्तविक होने के कारण अधिक व्यक्तित्वपूर्ण होता है। ), निबन्ध ( इसमें विषय की' वस्तुगतना (Objectivity) के साथ वर्णन की वैयक्तिकता रहती है ), पत्र ( इनमें दृष्टिकोण नितान्त निजी होता है। ये व्यक्ति के होते हैं और व्यक्ति के लिए ही लिखे जाते हैं, इनको पढ़े चाहे कोई 1), गद्य- काव्य (इसमें विषय की अपेक्षा भावना का प्राधिक्य रहता है)--गद्यकाव्य के तो ये सभी रूप हैं किन्तु गद्यकाव्य विशेष रूप से गद्यकाव्य है । इन विधानों का पूर्ण विवरण इसके दूसरे भाग 'काव्य के रूप में पढ़ सकते हैं । सामने के पृष्ठ पर दिये हुए चक्र से उपयुक्त विभाजन स्पष्ट हो जायेगा :----