पृष्ठ:सोना और खून भाग 1.djvu/१०६

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आपस में लड़ते रहते थे। नए राज्य की स्थापना के लिए यह स्थिति बहुत अनुकूल थी।" "और उसी अवसर पर जिन विदेशी व्यापारियों ने लाभ उठाया, उनमें हमारी ईस्ट इण्डिया कम्पनी अधिक भाग्यशाली प्रमारिणत हुई, और उसने भारत में अंग्रेजी साम्राज्य की नींव डाली।" "बेशक ! क्योंकि उसके पास ऐसे साधन उपस्थित थे। उसके पास धन था, दो तीन किले उसके हाथ में थे । समुद्र पर उसका अधिकार था। फिर भी भारत में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के हाथों ब्रिटिश साम्राज्य की स्थापना एक असाधारण घटना है। पर इससे भी अधिक आश्चर्य- जनक घटना यह है कि कासिका के एक गरीब परिवार का छोटा-स लड़का यह बोनापार्ट एकतन्त्र स्वतन्त्र हो सम्राट का मुकुट धारण कर, यूरोप पर बिना मित्रों और बिना जेब में एक पाई रखे अधिकार किए जा रहा है। भारत में भी हैदर अली, सिंधिया और होल्कर का उत्थान वैसा ही आकस्मिक और आश्चर्यजनक है। पर इनके पास हमारे बराबर साधन नहीं थे।" "तो हम कह सकते हैं कि भारत पर हमारी विजय, एक राज्य पर दूसरे राज्य की विजय नहीं है; न इस घटना से भारतीय राज्य का ब्रिटिश राज्य से प्रत्यक्ष सम्बन्ध है। यह एक आकस्मिक भारतीय क्रान्ति है, जिससे हम ने लाभ उठाया है।" "हाँ; मेजर फ्रेज़र, यही बात है । और मैं तो यहाँ तक कहना चाहता हूँ कि मुग़ल साम्राज्य के नाश के कारण भारत में उसके शासन का अन्त हो गया था। और मुग़ल साम्राज्य ज़मीन पर पड़ा हुआ था, कि कोई आए और उसे उठा ले। इस समय न भारत में कोई साहसी जन साम्राज्य की स्थापना कर रहा था, न किसी में राजनैतिक दम था। इसी से हमें यह सुयोग मिल गया, और हम वेतन-लोलुप, और नमक- हलाली के पेशवर देशी सिपाहियों की बदौलत अन्य साहसिकों से प्रति- द्वन्द्विता करके भारत में ब्रिटिश राज्य की स्थापना कर रहे हैं। हमें तो १०६