पृष्ठ:सोना और खून भाग 1.djvu/१९३

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इस समय वे घरबार की चिन्ता से मुक्त थे पहली मार्के की मुठभेड़ उ-पिण्टो की पैदल बटालियन से हुई-जो अंग्रेज़ी सेना के वाम पार्श्व में सातवीं पैदल देशी रेजीमेंट को धकेलती हुई दबादब बढ़ती जा रही थी । शीघ्र ही अंग्रेज सेना के सिपाहियों ने अपनी पंक्तियाँ दृढ़ कर ली और स्थिति को सम्हाला । अब वे दृढ़ता- पूर्वक मराठा-सेना का प्रतिरोध करने लगे। कदाचित उन्हें धोखा देने को उनको दृढ़ता देख चालाक उ-पिण्टो ने अपनी बैटालियन को तीव्रता से पीछे हटने का आदेश दिया। उन्हें पीछे हटते देख-अंग्रेजी सेना ने उन पर धावा बोल दिया। जिस से वे अपने पीछे वाली गोरी रेजीमेंट से बहुत अन्तर पर आगे बढ़ आए। अब उनके और गोरी पल्टन के बीच एक खतरनाक अन्तर था। गोरी पल्टन केन्द्र में जमी थी । अंग्रेजों की ____वह खराब स्थिति तुरन्त ही उ-पिण्टो ने भाँप ली । और उसने तुरन्त बापू गोखले का ध्यान इस ओर आकर्षित किया। जो उस समय अंग्रेजों के वाम पार्श्व में अपने चुने हुए घुड़सवारों के साथ सुनहरी ध्वजा फहराता हुआ युद्ध की गतिविधि देख रहा था। उसके हाथ में नंगी तलवार थी। उसने तुरन्त नंगी तलवार को हवा में घुमा कर सिंह की भाँति दहाड़ कर अपने सैनिकों को ललकारा-कि वे शत्रु की पंक्ति को भंग करके उन्हें दो भागों में काट दें और उनके तथा गोरी पल्टनों के बीच के खाली स्थान को अधिकृत कर लें। अभी वाक्य पूरा नहीं हुआ था कि इसी समय एक गोली उसके घोड़े को लगी, वह उछला और सेनापति को भूमि में पटक दिया परन्तु उस के मराठा नायकों और उसके पुत्र ने उसका आदेश समझ लिया था- और वे बिजली की भांति लपक कर शत्रु की सेना को चीरते हुए उन में घुस गए। सम्पूर्ण अंग्रेजी सेना में आतंक छा गया था। यह एक आकस्मिक निर्णायक क्षण इतना शीघ्र आ उपस्थित हुआ था कि अंग्रेज हक्का-बक्का हो गए। इस समय यदि मराठे सातवीं देशी रेजीमेंट और यूरोपियन रेजीमेंट के मध्यवर्ती स्थान को अधिकृत कर लेते तो अंग्रेजी -१६७