पृष्ठ:सोना और खून भाग 1.djvu/२५५

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बादशाह कुर्सी पर गिर कर हांफने लगे। इसी समय काने हज्जाम ने फिर कमरे में प्रवेश किया। बादशाह ने कहा--"उफ कोफ्त कर दिया, तौबा-तौबा।" "तो योर मेजस्टी, उसका यह इलाज है," उसने क्लेरेट का एक गिलास लबालब भर कर बादशाह के होंठों से लगा दिया। बादशाह गटा-गट पी गए। शराब पीकर होंठ चाटते हुए बादशाह ने कहा-"चलो बला टली । बुड्ढी ठड्ढी पचास हजार के कण्ठे पर हाथ मार ले गई। लामो और एक गिलास शराब दो, गला सूख कर कांटा हो गया ।" "अभी लीजिए, योर मेजस्टी", नाई ने दूसरा पैग बादशाह के हाथ में थमा दिया । और एक कागज़ का बड़ा सा मुट्ठा जेब से निकाला । बादशाह ने कहा--"यह क्या है ?" “योर मेजस्टी, हिज एक्सिलेन्सी गवर्नर-जनरल बहादुर की दावत के लिए जो शराब और दीगर सामान कलकत्ते से मंगाया गया है उसी का हिसाब है ।" इतना कह कर कागज़ का वह मुठा खोलकर उसने मेज पर फैला दिया। मेज पर फैल कर कागज जमीन पर आ गिरे । सारा हिसाब अंग्रेज़ी में लिखा हुआ था । बादशाह का मिजाज जाम पी कर तर हो गया था। उन्होंने मुस्करा कर कहा--"जरा नापो तो के "हाथ है ?" नाई ने नाप कर कहा- 'योर मेजस्टी', आठ हाथ है।" "कुल कितने रुपए हुए?" "सिर्फ एक लाख चालीस हज़ार, योर मेजस्टी।" “योर मेजस्टी मेहमान क्या मामूली हस्ती है। नए गवर्नर-जनरल बहादुर शाही खानदान के रईस हैं। वे इंग्लिस्तान के बादशाह के साथ बैठ कर उनके दस्तरखान पर खाना खाते हैं।" "तो खां साहब हमारा दस्तरखान किसी हालत में इंग्लिस्तान के बादशाह के दस्तरखान से कम न हो।"