पृष्ठ:सोना और खून भाग 1.djvu/२६६

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. करूंगा। अब हम यही तो कर रहे हैं, मरे हुए राजाओं के फर्जी और नाबालिग बच्चों को गद्दी का वारिस न बनाकर उन्हीं के खानदान के एक ऐसे होशियार आदमी को राजा बनाते हैं, कि जो अंग्रेज़ों का सच्चा वफादार दोस्त है।" "लेकिन माई लार्ड, हिन्दू अपनी इस पुरानी रस्म को तोड़ना नहीं चाहते, ऐसे मौकों पर वे बहुत वावैला मचाएंगे । "दिस आल फुलिशनैस मेजर, मैंने अपना पक्का इरादा कर लिया है, उसको मैं नहीं बदलूंगा।" "लेकिन योर एक्सीलैंसी, इन्दौर में तो बिल्कुल इसके विपरीत हो गया। वहाँ तो मृत मल्हारराव होल्कर के गोद लिए गए लड़के की ही तख्त-नशीनी हो गई।" "मैं तो नहीं चाहता था कि ऐसा हो, इसीलिए मैंने इंदौर के रेजीडेंट को सख्त ताकीद कर दी थी कि वह नए राजा के राजतिलक के समय दरबार में हाज़िर न रहे। हक़ीकत तो यह है कि इस मामले में कुछ राजनैतिक पेचीदगियाँ आ खड़ी हुईं थीं कि जिनकी वजह से मुझे उधर से आँखें चुरा लेनी पड़ीं। वास्तव में इन छोटी-छोटी बातों पर मैं जोर डालना भी नहीं चाहता। अब तो मेरे सामने दो ही सबसे बड़े अहम मसले हैं, एक सिंध और पंजाब का और दूसरे अवध का।" "मैंने सुना है कि इंगलिस्तान के शहनशाह विलियम चतुर्थ की ओर से पंजाब के महाराज रणजीतसिंह की खिदमत में एक घोडागाड़ी उप- हार में दी गई है, जिसे आपने सिंध नदी के रास्ते जलमार्ग से भेजा है। मैं समझता हूँ कि इसमें प्रानरेबुल कम्पनी की कोई गहरी चाल है क्योंकि मुझे कलकत्ते ही में सर चार्ल्स मैटकाफ़ महोदय ने यह बतलाया था कि यह गाड़ी सिंध के जलमार्ग द्वारा भेजने के लिए खासतौर पर ईस्ट इंडिया कम्पनी के डायरेक्टरों ने हिज एक्सीलैंसी से अनुरोध किया था।" लार्डवैटिक यह फिकरा सुनते ही उछल कर कुर्सी पर बैठ गए । और भेड़िए की तरह गुर्रा कर बोले-“मैटकाफ़ ने यदि तुमसे ऐसा कहा २७०