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DID मुस्तैद आदमी था। हाथी से उतर कर उसने अपने आदमियों को इशारा किया और वे एक सिरे से बाजार को लूटने लगे। लूट-खसोट होने पर कुछ लोग अपनी जमा-जथा सम्हाल कर भागने लगे। कुछ ने दबादब अपनी दुकानें बन्द कर दीं, कुछ रोने गिड़गिड़ाने और चीखने चिल्लाने लगे, कुछ सिपाहियों से मारपीट पर आमादा हो गए। एक नवयुवक एक गाड़ी गेहूँ लाया था--उसका उसने एक आढ़ती से सौदा किया था। जिन्स तोल वह रुपया गिन रहा था। खरीदार के आदमी गेहूँ बोरों में भर रहे थे-कि वरकन्दाजों ने बोरों पर कब्जा कर लिया । चकलादार ने आकर रुपयों की न्योली युवक की कमर से खोस २८८