पृष्ठ:सोना और खून भाग 1.djvu/९९

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सकते हैं, और उसे उसकी पैदल सेना-तोपखाना और क़िले की सुरक्षा से वंचित कर सकते हैं।" "तो मेजर-जनरल, आप आज ही दो रेजीमेंट देशी सवारों की, तोपखाना तथा यथेष्ठ पैदल सेना लेकर कूच कर दीजिए। मैं तीन रेजीमेंट गोरे सवारों की तथा तीन देशी सवारों की और भारी तोपें ले कर आप के पीछे आ रहा हूँ। याद रखिए, कि गर्वनर-जनरल की मेरे पास गुप्त ताकीद पहुंच चुकी है। अब भरतपुर के राजा की तमाम ताक़त और वसीलों को पूरी तरह कब्जे में करना भी अनिवार्य हो गया है। इसलिए मैं आप को अधिकार देता हूँ और हुक्म देता हूँ कि भरतपुर राज्य के समस्त, क़िलों, इलाक़ों और प्रान्तों को जिस तरह आप ठीक समझे, उन्हें अंग्रेजी राज्य में मिला लेने के लिए सब सम्भव उपाय काम में लें।" "आपके हुक्म का प्रत्येक अक्षर पालन होगा । लेकिन जरनल, यह हो क्या रहा है ?" "कहाँ ?" "यहाँ, हिन्दुस्तान में।" "हम लड़ रहे हैं।" "लेकिन कौन किस से लड़ रहा है ? क्या यह ब्रिटेन और हिन्दुस्तान के बीच लड़ाई हो रही है ?" "नहीं मेजर-जनरल, यह तो नहीं कहा जा सकता। ब्रिटेन का बाद- शाह हिन्दुस्तान के किसी राजा-नवाब या बादशाह से नहीं लड़ रहा "तो क्या यह इंगलैंड और हिन्दुस्तान के बीच लड़ाई नहीं है ?" "सच्चे अर्थों में तो ऐसा ही है, क्योंकि इंगलैंड के राजा ने मुग़ल बादशाह या भारत के किसी दूसरे राजा या नवाब के विरुद्ध युद्ध-घोषणा नहीं की है।" "और यह भी क्या सच नहीं है कि प्लासी की लड़ाई से लेकर अब ।" १०२