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सिरे से ठीक कर लिया। लूट-खसोट, मार-काट, चोरी सब बन्द हो गई। इसके बाद उसने सपादलक्ष के राजा धर्मगजदेव चौहान को, मीना मामा खून से भरी अपनी तलवार भेजकर कहलाया कि गज़नी के सुलतान के साथ होने वाले धर्मयुद्ध में मेरी यह तलवार आपकी आज्ञा के अधीन है।