पृष्ठ:सोमनाथ.djvu/३०१

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"बहुत कुत्तों का गुस्से में गुर्राना देखा है मैंने।" अधीर होकर फतह मुहम्मद ने उछल कर गोख को पकड़ लिया। शोभना चुपचाप खड़ी रही। फतह मुहम्मद की खूनी तलवार उसके हाथ में थी। फतह मुहम्मद ने गोख में सिर डाला, वह उसी राह बाहर आने की चेष्टा करने लगा। शोभना चुपचाप देखती रही। ज्योंही उसकी पूरी गर्दन गोख से बाहर हुई, शोभना ने एक भरपूर तलवार का हाथ मारा, फतह मुहम्मद की आधी गर्दन कट गई। वह आहत सांड़ की भाँति चीख उठा। उसका धड़ लटक गया। उसी समय शोभना ने होंठों को दाँतों में भींचकर दो-तीन हाथ और मारे, सिर कटकर उसके चरणों में आ गिरा। अब वह रक्त-भरी तलवार लेकर तेज़ी से एक ओर को भाग चली।