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पिशाचों के अधिपति का नाम शब्बरपा था। उसे किसी ने कभी नहीं देखा था। परन्तु प्रसिद्ध था कि उसकी आयु सैकड़ों वर्ष की है। वह अजर-अमर है और वह संसार के सब भूत-प्रेत-वैतालों का स्वामी है। उसके नाम की पूजा होती थी। उसी के नाम पर ये सैकड़ों-हज़ारों कापालिक और अघोरी, जनता को डराते-धमकाते रहते थे। उसके विषय में प्रसिद्ध था कि वह आकाश में उड़ सकता है, चाहे जिस योनि में प्रवेश कर सकता है। उसके लिए कुछ भी अकरणीय नहीं है। बहुत लोग गप्पें लड़ाया करते थे। कहते थे, “अरे, हमने एक दिन शब्बरपा को आकाश में उड़ते हुए देखा अथवा बाघ का रूप धरकर मनुष्य को खाते और मनुष्य-वाणी से बोलते हुए देखा है।” इसी प्रकार की झूठी-सच्ची विचित्र बातें इन अघोरियों और कापालिकों के सम्बन्ध में विख्यात थीं।