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पृष्ठ:सौ अजान और एक सुजान.djvu/१३३

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सौ अजान और एक सुजान

उदयाचल बालमंदार—उदयाचल पर्वत पर उगा हुआ छोटा मंदार नामी स्वर्गीय वृक्ष।
पूर्वदिगंगना—पूर्वदिशारूपी अंगना (स्त्री)
श्रोत्रिय—वेदज्ञ, वेदपाठी ब्राह्मण।
ख़ुमारी—नशा।
फ़ारिग़—छुट्टी।
खैरख्वाही—भलाई चाहना।
नुमाइश—बनावट।
गुंजायश—स्थान, जगह, समाई।

पैरा—(पैर) आगमन; आना।
परख—(सं॰ परीक्षा) जाँच।
तीर्थोदक—तीर्थ जैसे गंगा, यमुना का जल।
ओछा—(सं॰ तुच्छ। प्राकृत उच्छ) क्षुद्र, छिछोरा।
टुच्चा—(सं॰ तुच्छ) नीच, कमीना, छिछोर।
तिहीदस्ती—तंग हाथ, ग़रीबी।
तरहदारी—शौक़ीनी।
नफीस—उम्दा।

 

नवाँ प्रस्ताव

सरहंग—धृष्ट, प्रगल्भ, बाग़ी।

दाँताकिटकिट—लड़ाई, झगड़ा।

 

दसवाँ प्रस्ताव

ग़ैरत—लज्जा।
शिष्टता—भलमनसाहत।
पस्तकद—नाटा।
परिचारक—सेवक; भृत्य।
जघन्य—नीच।

तरहदारी—सजधज का ढंग।
हमशीरा—बहन।
तस्बी—मुसलमानी माला।
ज़प्त किए था—चुप था।
रुख़सत—बिदा।

 

ग्यारहवाँ प्रस्ताव

वसीह—लंबा-चौड़ा।
आरास्ता—(फ़ा॰-शब्द) सजा हुआ, सुसज्जित।

ड्राइंग रूम—(अँग॰ शब्द) सजने या कपड़ा पहनने का कमरा, दर्शनगृह, लोगों से मिलने जुलने का कमरा।