पृष्ठ:सौ अजान और एक सुजान.djvu/१३७

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सौ अजान और एक सुजान ' प्ररुओं-पक्षियों। कज्जाक-(तुर्की शब्द) डाकू, जशन-(फ़ा०-शब्द)जलमा। लुटेरा, चालाक ।' . सोलहवाँ प्रस्ताव पैगंबर-अवतार, ईश्वर-दूत । । गुनहगार-पापी। सत्रहवाँ प्रस्ताव चंपत हुआ-ग़ायब हुआ। । डामिल-(अ-दायमुल्ह हन्स) छनक-भड़क । जन्म कैद । हैरतअंगेज-भय-जनक । । फरोग-उन्नति, वृद्धि। साजनादिर-कभी को या तकमीला-पूर्णता। कभी-कभी। अठारहवाँ प्रस्ताव सुर्खरई-प्रशंसा। हकीर-(फा०-शब्द) तुच्छ । हमनिवाले सहभोजी। - उन्नीसवाँ प्रस्ताव अवसान-अंत, पोर। बहिमि-बाहर की भोर; ईर्षा - कलुषित-दाह से - बहिरी ओर। । काली। भौचक्की-घबराई हुई। बीसवाँ प्रस्ताव निस्वार्थ-विना मतलब के। श्राज सबेरे ही अशुभ दर्शन नामसंकीर्तन-नामोल्लेख । हुआ। . चारुचंचरीक-भ्रमर, भरा। आलबाल-थावला। अद्यप्रातरेवानिष्टदर्शनम्- तोफ़गी-उम्दगी ।