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पृष्ठ:स्टालिन.djvu/१०३

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[एक सौदो

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जलपाने के स्थान पर दफन करवाया। उसकी कब पर एक सादा पत्थर लगवाने के अतिरिक्त उसने वहां फूलों के अनेक पौदे भी लगवाए ।सोवियट रूस में प्रायः पुरुषों के शव को जलाया जाता है। इसके लिए स्थान २ पर मोरियम बने हुए हैं और कोई सचा क्रांतिकारी तो भूल कर भी अपने सम्बन्धी के शव को दफन करने पर सहमत नहीं होता। दफन करने को विधि केवल उन लोगों तक सीमित है जो अभी तक पुराने विचारों के समर्थक हैं। स्टालिन से बढ़ कर क्रांति-पोषक और कौन होगा? किन्तु उसने अपने पत्नी के शव को जलाना स्वीकार नहीं किया, वरन् उसे एक प्राचीन इमामबाड़े के कबरिस्तान में दफन करा दिया। यदि कोई यात्री इस सादा कत्र को देखे तो वह उस निहित गाढ़ प्रेम से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता, जिसने स्टालिन को उसके आस पास फूलों की क्यारियां लगवाने पर विवश किया है। इस समय उसके पल्ली के परलोक-वास को कई वर्षगुजर चुके हैं और क्र मलिन-भवन का रहस्यमय स्वामी स्टालिन इस समय भी अपने दो बच्चों सहित शान्त-जीवन व्यतीत कर रहा है।वह अपने हादिक भाव कभी प्रगट नहीं करता। अत: कोई नहीं कह सकता कि उसने यह दूसरी विपत्ति किस प्रकार सहन की होगी और उस विपत्ति का उसके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा होगा। अभी यह समाचार भी सुनने में आया है कि स्टालिन तोसरा विवाह करने की इच्छा कर रहा है। यह स्त्री कागानो- बिच बन्धुओं की बहिन है, जो स्टालिन के साथ लम्बे अर्से से मिल कर काम कर रहे हैं और जिनके हाथ में सोवियट रूस की मार्थिक व्यवस्था है। किन्तु उपरोक्त समाचार का समर्थन अभी तक मास्को से नहीं हुआ। अतः इस सम्बन्ध में अभी कोई बात निश्चय-पूर्वक कह देना समय से पूर्व होगा।