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पृष्ठ:स्टालिन.djvu/१०९

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[एक सौ पाठ ट्रॉदम्की के रक्षक दौड़े हुए आए। उन्होंने जान्सन को पीटते २ बेहोश कर पुलिस को दे दिया। ट्रॉट्स्की को तुरन्त अस्पताल पहुँचाया गया। मृत्यु से पहिले ट्रॉट्स्की ने कहा कि हत्यारा स्टालिन की गुप्त समिति ओगपू का सदस्य या कोई फासिस्ट है। उसने बेहोश होने से पूर्व कहा "मैं एक राजनीतिक हत्या के फल स्वरूप मृत्यु के निकट हूँ। कृपया मेरे साथियों को बतला दीजिये कि चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय की सफलता अनिवार्य है। भागे बढ़ते रहिये। भापेरेशन करने पर उसके सिर में दो इञ्च गहरा घाव पाया गया। उसको रात भर इंजेक्शन दे देकर जीवित रखा गया। किन्तु अगले दिन २१ अगस्त १९४० बुधवार की शाम को ७ बज कर ३५ मिनट पर उसका देहान्त हो ही गया। इस प्रकार ट्रॉट्स्की ने किशोरावस्था में विद्रोह की ज्वाला से प्रज्वलित होकर वैभवशाली जीवन को ठुकराया। वरुणावस्था में विद्रोह की आग सुलगाई, प्रौढावस्था में विद्रोह की सच्ची आग के कारण स्वयं अपने ही देश से निर्वासित होकर इधर उधर दुनिया की। खाक छानी और वृद्धावस्था में स्वास्थ्य के गिरते रहने एवं गांवों के जवाब दे देने पर भी अपने अमर उत्साह से विश्वकान्ति के अपने ध्येय के लिये बराबर प्रयत्न किया। इसी लिये जिस देश में वह रहा उसी देश की सरकार को उसने भयभीत किया और एक के बाद दूसरे देश का पाश्रय लेते हुए अन्त में मैक्सिको में अपने ही एक विश्वासघाती जाति भाई के हाथ मारा गया।