पृष्ठ:स्टालिन.djvu/२३

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[बाईस ली। विस्तर को उलट पुलट कर देखा। इतने में ही नवयुवक विद्यार्थी ने पाश्चर्यचकित मुद्रा के साथ द्वार से प्रवेश किया। इसी समय पाठशाला के प्रबन्धकर्ता महोदय ने कहा कि मुझे पहिले ही पूर्ण विश्वास था कि जोजफे के कमरे में किसी प्रकार का क्रान्तिकारी साहित्य नहीं मिल सकता।' इसके बाद वह तीनों भादमी कमरे से बाहर चले गए। नवयुवक विद्यार्थी थोड़ी देर चुपचाप बैठा रहा। फिर उसने उस पत्र के अंक को मेज पर रक्खा और उसकी सलवटें दूर करने लगा। वह इस अपवित्र लेखपत्र को पाठशाला के प्रबन्धक को देना चाहता था, किन्तु इस तलाशी की घटना ने, जो उसकी अनुपस्थिति में हुई उसकी इच्छा में परिवर्तन कर दिया। उसने पुन: उस लेख को एक बार पढ़ा और लोहे की अँगीठी के पास जाकर धधकती आग में उसे स्वाहा कर दिया। वह अपवित्र लेख-पत्र भस्म में परिणत होगया और जोजक खड़ा २ पर्याप्त समय तक किसी उधेड़ बुन में लगा रहा।