पृष्ठ:स्टालिन.djvu/४८

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संतालीस] [ *** कांग्रेस में उसे प्रतिनिधि मनोनीत कर प्रोत्साहन दिया गया। इसी अवसर पर स्टालिन और लेनिन की पहलो वास्तविक भेट हुई। पार्टी की कांग्रेस का अधिवेशन सन् १:०५ में फिन- लैण्ड के टेमर फोर्ज नामक स्थान पर हुआ और स्टालिन उसका एक प्रतिनिधि था। एक संक्षिप्त लेख में स्टालिन ने लेनिन को स्मृति में लिखा है कि मैं बड़ी उत्सुकता से इस मुलाकात की प्रतीक्षा कर रहा था। स्टालिन का अनुमान था कि लेनिन एक लम्बा चौड़ा तथा शक्तिशाली व्यक्ति होगा, जिसकी प्रधानता के कारण हो सब लोग उसका सन्मान करते होंगे। वह बड़े २ पार्टी नेताओं के अनुसार उस समय हाल में प्रवेश करेगा, जब प्रत्येक व्यक्ति अपने स्थान पर बैठ चुका होगा । उसके वहां आगमन पर नेताओं में बिजली जैसा प्रमाव होगा। उस समय तुमुन करतल-ध्वनि के बीच उसका इस प्रकार प्रवेश होगा जैसे नाटक का कोई पात्र स्टेज पर आता है। कांग्रेस का प्रत्येक व्यक्ति उसे देखते ही उठ कर खड़ा हो जावेगा और सब लोग उसे सादर नमस्कार करेंगे। लेकिन क्रियात्मक रूप से जो हुआ वह यह था कि स्टालिन-जो कांग्रेस के अधिवेशन के प्रारम्भ होने से प्रयाप्त पहले पहुँच कर भावी प्रोग्राम के लिये तय्यार रहना चाहता था-जब अवसर पर पहुँचा तो क्या देखता है कि उस समय तक केवल चन्द व्यक्ति ही आए थे और वह सभी सर. गर्मी के साथ वाद-विवाद कर रहे थे। उन्हीं में एक सीधा-साधा छोटे कद का व्यक्ति भी बैठा हुआ था, जिसके सिर के बाल उड़े हुए थे। वह रूप रंग से किसी छोटो सी फर्म का थोड़ा वेतन पाने वाला एजेन्ट जान पड़ता था। वास्तव में वह साधारण रूप रंग वाला व्यक्ति ही लेनिन था।