पृष्ठ:स्टालिन.djvu/९४

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विरानवे] योजना तयार की गई। लेनिन के पूर्व-अनुगामियों में जीनोकैडस को-जो सन १९३५ तक सोवियट जन-तंत्र को प्रबन्ध समिति का विश्वस्त सदस्य था-दिसम्बर १९३५ में फांसो के तख्ते पर लटका दिया गया। स्थल और सामुद्रिक सेना का मन्त्री फर्नर सन् १९३५ में गम्भीर परिस्थिति में मरा । गमार्नक-जो सुदूर पूर्व की क्रान्ति- कारिणी कमेटी का पहिले प्रधान था और बाद में सेना का माशेल बना था, यह जान कर कि उस की गिरफ्तारी के वारंट जारी किये गये है-आत्म-हत्या कर बैठा। प्रवन्धक कमेटी का प्रधान कलनैन, सेनापति दोरी सैनौक एवं बी० पी० यू० के सर्वाधिकारी मजनस कज, जिसका सन् १९३४ तक प्रभुत्व था, सभी मर चुके । भूतपूर्व कृषि मंत्री मोसन- सकी जेलखाने में पड़ा सड़ रहा है। रूसी सरकारी बैंक का भूतपूर्व प्रधान, जो बाद में उच्च कलाओं का मंत्री बन गया था -१९३७ ई. में प्राण-दण्ड का शिकार बना। 'असोस्टीजा' पत्र के मुख्य सम्पादक और कोमिनटने की केन्द्रीय समिति के मंत्री रेडिक को ११३८ ई० में निर्वासित करके साइबेरिया भेजा गया। वह १९३७ ई. से जेलखाने में पड़ा सड़ रहा कोस्की किसी.समय पेरिस और लन्दन में राजदूत था। बसे १६२६ में साइबेरिया भेजा गया। मार्च १९३८ से वह कैदखाने में है । ट्रांस्पोर्ट के उपमंत्री सर बजाकोक को फर्वरी १६३७ में कत्ल कर दिया गया। १९३८ में जनरल स्टाफ के प्रमुख तोहट सोस्की और भूतपूर्व युद्ध-मंत्री पोषरो बटन को प्राण-दण्ड दिया गया। जी० पी० यू. के अध्यक्ष अगोडाका भी सिर उड़ा दिया गया। यह सूची केवल उन बचीस व्यक्तियों के नामों से तय्यार की गई है, जो रूख के बोल्योलिक मान्दोलन के प्रमुख नेता ये